सुशील कुमार साहू की रिपोर्ट
बांदा,तिंदवारी, तिंदवारी ब्लॉक के ग्राम पंचायत बम्बिया में संचालित अस्थायी गौशाला में गौवंशों की दुर्दशा दिल दहला देने वाली है। गौशाला में बीमार और भूखे-प्यासे गौवंशों पर कुत्ते हमला कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और गौशाला प्रबंधन मूकदर्शक बना हुआ है। इस अमानवीय घटना का वीडियो सामने आने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्रामवासी लगातार कर रहे हैं शिकायत
ग्रामवासियों के अनुसार, गौशाला में कई दिनों से गौवंशों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। विश्व हिंदू महासमुंद गोरक्षा समिति के जिला अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। गौशाला संचालकों पर गौवंशों की उपेक्षा और उनके प्रति अत्याचार के आरोप लगाए जा रहे हैं।
श्रद्धा या सिर्फ व्यवसाय?
यह घटना समाज में गौमाता के प्रति घटती संवेदनशीलता को दर्शाती है। जहां एक ओर गौवंश संरक्षण की बातें की जाती हैं, वहीं दूसरी ओर गौशालाओं का संचालन सिर्फ सरकारी अनुदान के लिए किया जा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि गौशालाएं गौसेवा के लिए बनी हैं या महज पैसा कमाने का जरिया बन गई हैं?
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
ग्रामवासियों और गोरक्षा समिति ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह मामला बड़े स्तर पर तूल पकड़ सकता है। स्थानीय लोगों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए गए, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।