संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में मेटा कंपनी के अलर्ट से एक बार फिर एक जान बचाई गई। मामला 30 वर्षीय युवक का है, जिसने अपने 16 महीने के बच्चे की मृत्यु के सदमे में आत्महत्या करने का प्रयास किया। युवक ने चूहा मारने वाली दवा खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की थी। इस घटना का वीडियो उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया था।
मेटा का अलर्ट और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही युवक का आत्महत्या से जुड़ा वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड हुआ, मेटा कंपनी ने लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय को ईमेल के माध्यम से तुरंत अलर्ट भेजा। सूचना मिलते ही पुलिस मुख्यालय ने मामले को गंभीरता से लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर चित्रकूट पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की।
युवक का मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं होने के कारण पुलिस ने उसकी इंस्टाग्राम आईडी के आधार पर जांच शुरू की। पोस्ट में दिख रहे दोपहिया वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग कर पुलिस ने उसका पता लगाया। युवक के घर पहुंचकर परिवार को सूचित किया गया और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इलाज और काउंसलिंग के बाद बचाई गई जान
युवक को इलाज के लिए सीएचसी भांगा में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की देखरेख में उसकी स्थिति में सुधार हुआ। इसके बाद उसकी काउंसलिंग की गई, जहां उसने भविष्य में ऐसी गलती न करने का आश्वासन दिया।
डीजीपी का बयान: अब तक 656 जानें बचाई गईं
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि 1 जनवरी 2023 से 15 जनवरी 2025 के बीच मेटा कंपनी के अलर्ट के आधार पर यूपी पुलिस ने 656 लोगों की जान बचाई है। 2022 से मेटा और यूपी पुलिस के बीच यह व्यवस्था लागू है, जिसके तहत फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से जुड़े पोस्ट का संज्ञान लेकर पुलिस को अलर्ट भेजा जाता है।
समाज में सकारात्मक पहल
इस घटना ने सोशल मीडिया और पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय के महत्व को रेखांकित किया है। मेटा और पुलिस की यह साझेदारी आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दों पर सक्रियता से काम कर रही है। यह पहल न केवल लोगों की जान बचा रही है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ा रही है।
चित्रकूट में हुए इस घटनाक्रम ने दिखा दिया कि त्वरित सूचना और समय पर कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण है। यूपी पुलिस और मेटा के इस सहयोग से भविष्य में और भी कई जानें बचाई जा सकती हैं।