सुशील कुमार साहू की रिपोर्ट
बांदा जिले के महुआ ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत अजीतपारा में संचालित अस्थाई गौशाला के पीछे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां लगभग आठ गोवंश मृत अवस्था में पड़े मिले, जिन्हें कुत्ते नोच-नोचकर खा रहे थे। इस अमानवीय दृश्य की जानकारी ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और गौ रक्षा समिति को दी।
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गौशालाओं में लापरवाही का आलम
ग्रामीणों और गौ रक्षा समिति के सदस्यों का आरोप है कि गौशालाओं में उचित देखभाल के अभाव में गोवंशों की मौत हो रही है। इसके बाद भी मृत गोवंशों का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक नहीं किया जा रहा। मृत जानवरों को खुले में फेंक दिया जाता है, जो न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को भी आहत करता है।
गौरक्षा समिति का अभियान
विश्व हिंदू महासंघ गौरक्षा समिति के जिला अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने बताया कि समिति लगातार अभियान चला रही है, जिसमें मृत गोवंशों को सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा, “हम बार-बार प्रशासन और गौशाला संचालकों को इस विषय में अवगत करा रहे हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। गोवंशों के शव खुले स्थान पर फेंके जा रहे हैं, जहां कुत्ते उन्हें नोच रहे हैं। यह दृश्य हमारी संस्कृति और परंपरा का अपमान है।”
पूज्य महाराज जी का निर्देश
समिति के सदस्यों ने बताया कि पूज्य महाराज जी के द्वारा बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं कि गौ माता के शवों का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक किया जाए। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और गौशाला संचालकों की उदासीनता के चलते हालात नहीं सुधर रहे।
हिंदू समाज में रोष
इस घटना के बाद स्थानीय हिंदू समाज में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि गोवंशों की इस तरह की दुर्दशा हमारी धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर चोट पहुंचाती है। गौ माता की रक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की है।
क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई ठोस कदम उठाए जाने की जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी है। वहीं, स्थानीय ग्रामीण और गौ रक्षा समिति ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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समस्या का समाधान आवश्यक
इस घटना ने गौशालाओं में चल रही अनियमितताओं और प्रशासनिक उदासीनता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो न केवल धार्मिक भावनाएं आहत होंगी, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की