अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए संगम नगरी प्रयागराज पूरी तरह से तैयार है। 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले इस महायोगिक मेले में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पवित्र नदियों – गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती – के संगम पर श्रद्धालु पवित्र स्नान कर अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास करते हैं।
संगम से करीब 300 मीटर दूर सेक्टर- 15 में विशेष तैयारी चल रही है। 8 बीघे (2 लाख 40 हजार स्क्वायर फीट) में 4 बड़े-बड़े पंडाल लगे हैं। तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
प्रयागराज में संगम की रेती पर बसे तंबुओं के शहर में 1 लाख से ज्यादा टेंट और पंडाल बने हैं। इन सभी में सबसे ज्यादा खास है- योगी महासभा का पंडाल। मेला प्राधिकरण ने योगी महासभा को जो जमीन आवंटित की है, उसी में मुख्यमंत्री योगी के रुकने की व्यवस्था है।
कुंभ में वैसे तो योगी महासभा का कैंप पिछले कई बार से लग रहा है, लेकिन इस बार जमीन करीब ढाई गुना ज्यादा है और सुविधाएं भी बढ़ा दी गई हैं। मेले के बड़े अफसर यहां तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।
योगी के सीएम होने की वजह से इस बार कैंप में आने वाले नाथ संप्रदायों के संतों में खासी उत्सुकता और उल्लास का माहौल है।
नाथ संप्रदाय के लोग इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। योगी महासभा का यह भव्य और दिव्य कैंप पहले शाही स्नान (14 जनवरी) से पूर्व ही तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस कैंप में इस बार अच्छी-खासी चहल-पहल रहने की उम्मीद है।कैबिनेट की बैठक होगी, योगी खुद यहां रुकेंगे
खुद सीएम योगी आदित्यनाथ महाकुंभ में दो से तीन दिन रुक सकते हैं। योगी के सभी मंत्री अपने परिवार के साथ महाकुंभ में आ सकते हैं। एक तरह से कहें, तो योगी सरकार यहीं से चलेगी। गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा भाजपा के दिग्गज नेता भी महाकुंभ में आएंगे। इसलिए मेले के अफसर तैयारियों को लेकर खास फोकस कर रहे हैं।
2019 के अर्द्धकुंभ में मुख्यमंत्री योगी की पूरी कैबिनेट ने यहां भोजन किया था। इस बार भी यहां 21 जनवरी को कैबिनेट बैठक हो सकती है। मंत्रियों के भोजन की व्यवस्था यहीं पर होगी। योगी आदित्यनाथ अपने इसी कैंप से विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित धर्म संसद में शामिल होने जाएंगे। इसलिए यहां पर व्यवस्था बेहतर की गई है।
गोरखनाथ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की तरफ से भी होगा भंडारा
कुंभ मेला करीब डेढ़ महीने तक रहेगा। इस दौरान यहां लगातार भंडारा भी होगा। यह भंडारा नाथ संप्रदाय से जुड़े बड़े-बड़े मंदिरों और मठों की तरफ से अलग-अलग दिनों में किया जाएगा।
गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से भी भंडारा होगा। बड़ी बात यह है कि इसका आयोजन सरकारी खर्च पर न होकर गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर होने के नाते योगी आदित्यनाथ करवाएंगे।
सुरक्षा के लिए सात-स्तरीय योजना
उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सात-स्तरीय सुरक्षा योजना लागू की है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए गहन जांच अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, 2,700 से अधिक अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं, जो मेले की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
एम्बुलेंस सेवाओं का विशेष प्रबंध
महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने 125 सड़क एम्बुलेंस और सात नदी एम्बुलेंस की तैनाती की है। इनमें से 15 एम्बुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) से सुसज्जित हैं। इसके अलावा, एयर एम्बुलेंस सेवाओं को भी सक्रिय किया गया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
आध्यात्मिक उत्साह का माहौल
प्रयागराज में अब आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। निरंजनी अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, अहवान अखाड़ा और जूना अखाड़ा सहित अन्य प्रमुख अखाड़ों के साधु-संत शिविर स्थलों पर पहुंच चुके हैं। इनके आगमन ने आयोजन को और अधिक पवित्रता और भव्यता प्रदान की है।
शाही स्नान की तिथियां
महाकुंभ के दौरान शाही स्नान को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार प्रमुख स्नान तिथियां इस प्रकार हैं:
मकर संक्रांति: 14 जनवरी
मौनी अमावस्या: 29 जनवरी
बसंत पंचमी: 3 फरवरी
विशेष तैयारियां और श्रद्धालुओं की उम्मीदें
12 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में उत्तर प्रदेश सरकार ने समुचित सुविधाओं और सेवाओं की व्यवस्था की है। श्रद्धालु पवित्र संगम पर स्नान कर, धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर अपने जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण करने के लिए उत्सुक हैं।
महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा, जो न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंत झलक भी प्रस्तुत करता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."