संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की जेल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला कैदी के गर्भवती होने की पुष्टि ने जेल प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। इस 22 वर्षीय महिला को गैर इरादतन हत्या के मामले में गिरफ्तार कर 20 नवंबर 2024 को जेल भेजा गया था। जेल में 25 दिन बिताने के बाद जब महिला ने पेट दर्द की शिकायत की, तो जांच में उसके लगभग तीन महीने 12 दिन के गर्भवती होने की पुष्टि हुई।
कैसे उजागर हुआ मामला
जेल अधीक्षिका अंकेक्षिता श्रीवास्तव ने बताया कि महिला कैदी ने पेट दर्द की शिकायत की थी। जेल अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच के दौरान गर्भावस्था की संभावना जताई। इसके बाद महिला को ओपेक हॉस्पिटल कैली भेजा गया, जहां अल्ट्रासाउंड जांच में गर्भावस्था की पुष्टि हुई।
पहले क्यों नहीं हुई जानकारी?
महिला को जेल में भेजने से पहले मेडिकल जांच की गई थी, लेकिन उस समय गर्भवती होने का पता नहीं चल सका। अब सवाल यह उठ रहा है कि इतनी अहम जानकारी मेडिकल जांच के दौरान कैसे छूट गई। जेल प्रशासन ने दावा किया है कि महिला ने जानबूझकर अपनी गर्भावस्था की बात छिपाई थी।
महिला कैदी की देखभाल के लिए कदम
मामले के प्रकाश में आने के बाद जेल प्रशासन ने महिला कैदी की देखभाल के लिए सीएमओ को सूचित किया। सीएमओ ने स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. शिप्रा शर्मा और मनोचिकित्सक डॉ. दिलीप कुमार को महिला की जांच और काउंसलिंग के लिए नियुक्त किया है। महिला कैदी की नियमित जांच और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
परिवार को दी गई सूचना
महिला के गर्भवती होने की जानकारी उसके परिवार को दी गई है। महिला के भाई और पिता भी जेल में बंद हैं और वे इस मामले की जानकारी रखते हैं। महिला ने बताया कि वह अपने परिवार से बातचीत के बाद ही यह तय करेगी कि वह गर्भ को आगे बढ़ाना चाहती है या नहीं। अगर वह गर्भपात का निर्णय लेती है, तो इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेकर मेडिकल टीम उसकी सहायता करेगी।
प्रशासन की चुनौती और सवाल
यह मामला जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। सवाल यह है कि जेल में प्रवेश से पहले की गई मेडिकल जांच में यह बात कैसे छूट गई। साथ ही, महिला कैदी द्वारा अपनी गर्भावस्था को छिपाना भी प्रशासन के लिए सोचने का विषय है।
फिलहाल, प्रशासन ने महिला की देखभाल के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और डॉक्टरों की टीम उसकी नियमित जांच कर रही है। यह मामला जेल की सुरक्षा और मेडिकल प्रक्रिया में सुधार की जरूरत को उजागर करता है।
Author: samachar
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