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8 January 2025 2:20 pm

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सलाखों से दागा, दांत तोड़ डाले, मर्दों ने पीटा, आंख फोड़ दी, डायन प्रथा की त्रासदी आपको सन्न कर देगी

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वल्लभ लखेश्री की रिपोर्ट

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से एक बार फिर महिलाओं पर अत्याचार की अमानवीय घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं डायन प्रथा के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करने और उनकी संपत्ति हड़पने की पुरानी मानसिकता को उजागर करती हैं।

सीमा की दर्दनाक कहानी

भीलवाड़ा के पास रहने वाली 30 वर्षीय सीमा, अपने जीवन के सबसे भयानक दिन 27 अगस्त को याद करते हुए कहती हैं कि वह दिन उन्हें हर पल डराता है। वह पिछले पांच महीनों से अपने मायके में बच्चों के साथ रह रही हैं। सीमा के अनुसार, उस दिन जब उनके पति और बड़ा बेटा खेत पर थे और छोटा बेटा घर के बाहर खेल रहा था, तभी उनके देवरानी के घरवालों ने उन्हें नग्न कर बेरहमी से पीटा। इस घटना का वीडियो पड़ोसी ने बनाया, जिसकी वजह से उनकी जान बची।

सीमा ने बताया कि उनकी देवरानी और उसके परिवार का मकसद उन्हें संपत्ति और जेवरों से वंचित कर घर से निकालना था। जब सीमा ने इसका विरोध किया, तो उन्हें ‘डाकन’ (डायन) कहकर अपमानित किया जाने लगा। इस आरोप ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। मारपीट के कारण सीमा को गंभीर शारीरिक चोटें आईं, जिनमें पेट में गांठ, हाथ का फ्रैक्चर और आंख की रोशनी कम होना शामिल है।

नेहा की शिक्षा बनी दुश्मन

भीलवाड़ा की 26 वर्षीय नेहा, जो गुर्जर समाज से हैं, अपनी पढ़ाई और जागरूकता के कारण गांव वालों की आंखों की किरकिरी बन गईं। जब उनके पड़ोसियों से नाले की सफाई को लेकर विवाद हुआ, तो बारिश के बाद दीवार गिरने की घटना को जादू-टोने से जोड़ दिया गया। पड़ोसियों ने नेहा को डायन घोषित कर दिया। इसके बाद से गांव वालों ने उनका और उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।

नेहा बताती हैं कि उनकी और उनकी बहनों की शादियां टूट गईं, क्योंकि गांव में उनके खिलाफ अफवाहें फैला दी गईं। डिप्रेशन में जाने के बावजूद नेहा ने हार नहीं मानी। उन्होंने पढ़ाई पूरी कर एक नई शुरुआत की, लेकिन उनकी बहनों के टूटे रिश्तों का बोझ आज भी उन्हें कचोटता है।

पूजा पर अमानवीय अत्याचार

जहाजपुर गांव की 22 वर्षीय पूजा को शादी के कुछ महीनों बाद ही ससुराल वालों ने डायन कहकर छत पर बने एक कमरे में बंद कर दिया। उन्हें खाने-पीने से वंचित रखा गया। पूजा के ससुराल वालों ने उन्हें इतना मारा कि उनके दोनों हाथ टूट गए। उनके शरीर को गर्म सलाखों से दागा गया और बाल तक काट दिए गए।

पूजा के पिता ने जब अपनी बेटी को इस हालत में देखा, तो उनका दिल दहल गया। ससुराल वालों का मकसद पूजा को डायन साबित कर बैंक का लोन चुकाने से बचना था। पूजा की बहन चाहती हैं कि वह इस अतीत को भूलकर एक नई जिंदगी शुरू करें, लेकिन पूजा की मानसिक और शारीरिक स्थिति अभी भी गंभीर है।

डायन प्रथा की वास्तविकता

सामाजिक कार्यकर्ता तारा अहलूवालिया के अनुसार, भीलवाड़ा में पिछले कुछ वर्षों में 100 से अधिक डायन प्रथा के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से कई महिलाओं की हत्या भी कर दी गई। तारा बताती हैं कि इस प्रथा के तहत विधवा, अकेली या संपत्ति वाली महिलाओं को निशाना बनाया जाता है। इन्हें डायन घोषित कर गांव से भगाने और संपत्ति हड़पने की कोशिश की जाती है।

राजस्थान में महिला सुरक्षा के लिए कानून होने के बावजूद पुलिस का रवैया ढीला है। आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाय, मामले को दबाने की कोशिश की जाती है।

समाज की भूमिका और जरूरत

भीलवाड़ा जैसे इलाकों में डायन प्रथा महिलाओं के लिए सिर्फ सामाजिक अपमान नहीं, बल्कि जानलेवा साजिश बन चुकी है। यह समस्या तब तक खत्म नहीं होगी जब तक समाज जागरूक नहीं होगा और प्रशासन सख्ती से कानून लागू नहीं करेगा।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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