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7 January 2025 2:57 pm

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गौशालाओं की ऐसी दुर्दशा…! भूख, ठंड और लापरवाही से गौवंशों की असमय मौत

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सुशील कुमार साहू की रिपोर्ट

बांदा। जनपद के बड़ोखर ब्लॉक की ग्राम पंचायत पचुल्ला में संचालित अस्थाई गौशाला की दुर्दशा ने प्रशासन और संचालकों की लापरवाही को उजागर कर दिया है। गौशालाओं में व्याप्त अव्यवस्था और प्रशासनिक उदासीनता के कारण गौवंशों को भीषण ठंड और भूख के संकट का सामना करना पड़ रहा है।

हाल ही में, जिला विकास अधिकारी रमाशंकर सिंह ने गौ रक्षा समिति के सदस्यों के साथ इस गौशाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने गौशाला के अंदर की व्यवस्थाओं को देखा और आगे बढ़ गए। लेकिन जब गौ रक्षा समिति की टीम ने गौशाला के पीछे जाकर स्थिति का जायजा लिया तो हालात देखकर वे स्तब्ध रह गए। गौशाला के पीछे कई गौवंशों के कंकाल खुले में पड़े हुए मिले। इसके अलावा, एक ताजा मृत गौवंश भी वहीं पड़ा हुआ था।

प्रशासनिक लापरवाही

यह चौंकाने वाली बात है कि इतने गंभीर हालात एक जिम्मेदार अधिकारी की निगाहों से कैसे छूट गए। विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के जिला अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने अपनी टीम के साथ इस स्थिति को उजागर किया। वे लगातार जिले की विभिन्न गौशालाओं का निरीक्षण कर रहे हैं और क्षेत्रीय अधिकारियों को इन अव्यवस्थाओं की जानकारी दे रहे हैं। बावजूद इसके, अधिकारियों को गौशालाओं की स्थिति में कोई कमी नजर नहीं आ रही है।

ठंड से ठिठुरते गौवंश

जनपद की अधिकांश गौशालाओं में ठंड से बचाव के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। न तो अलाव जलाने की व्यवस्था है और न ही गौवंश को ठंड से सुरक्षित रखने के लिए कोई अन्य उपाय किए गए हैं। गौशालाओं में कैद गौवंश ठंड से बचने के लिए आशियाना खोजते फिर रहे हैं।

ग्राम पंचायत चहितारा की गौशाला की स्थिति और भयावह

बड़ोखर ब्लॉक की ग्राम पंचायत चहितारा में संचालित एक अस्थाई गौशाला की स्थिति तो और भी दयनीय है। निरीक्षण के दौरान यहां न तो कोई कर्मचारी मौजूद मिला और न ही गौवंशों की देखभाल का कोई इंतजाम। गौशाला के बाहर ताला लटका हुआ था और अंदर कैद गौवंश भूख और प्यास से बेहाल होकर इधर-उधर भटकते दिखे। यहां केवल सूखी पराली खिलाने के सबूत मिले, जिससे गौवंशों की स्थिति और भी खराब हो रही है।

कड़ी कार्रवाई की जरूरत

इन परिस्थितियों से स्पष्ट है कि गौशालाओं में गौवंशों की देखभाल में घोर लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में क्षेत्रीय अधिकारियों और गौशाला संचालकों की अनदेखी पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि गौशालाओं में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और लापरवाह अधिकारियों और संचालकों पर कार्रवाई का खौफ कायम रहे।

गौवंशों की पीड़ा को समझते हुए उनके जीवन को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि गौशालाओं में व्याप्त अव्यवस्था को दुरुस्त कर गौवंशों को राहत प्रदान करें।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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