Explore

Search
Close this search box.

Search

13 March 2025 12:57 am

लेटेस्ट न्यूज़

संघर्ष से शिखर तक: भारतीय प्रशासनिक सेवा में वाल्मीकि समाज का गौरव, डॉ. आशीष चौहान

327 पाठकों ने अब तक पढा

– वल्लभ लखेश्री की विशेष रिपोर्ट

फलोदी। वाल्मीकि समाज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा और आदर्श, डॉ. आशीष चौहान, अपनी अद्वितीय उपलब्धियों और समर्पण के कारण देशभर में प्रशंसा और सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। जोधपुर के धोडा चौक निवासी और एक प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे डॉ. चौहान, अपने समाज का गौरव हैं। उनके पिता, श्री मांगीलाल चौहान, एक सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य, और माता, महिला एवं बाल विकास विभाग की सेवानिवृत्त अधिकारी, ने उन्हें उच्च मूल्यों और शिक्षा का संस्कार दिया।

डॉ. आशीष चौहान की शैक्षिक यात्रा उत्कृष्ट रही है। पीएचडी के साथ-साथ उन्होंने स्लेट और नेट जैसे कठिन परीक्षाओं में सफलता हासिल की। इसके बाद उन्होंने आबकारी अधिकारी, लेखाधिकारी (RSA), और प्राध्यापक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं। लेकिन उनका सपना यहीं समाप्त नहीं हुआ। 2012 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित होकर अपनी योग्यता और परिश्रम का लोहा मनवाया।

डॉ. चौहान ने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों, जैसे उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और पौड़ी, में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में शानदार कार्य किए। उनकी नीतियां और प्रशासनिक कुशलता इन जिलों के विकास और सुधार में मील का पत्थर साबित हुईं। उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें 2021 में न्यूज मेकर अचीवर्स अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ IAS अधिकारी के सम्मान से नवाजा गया।

डॉ. चौहान का नाम केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिष्ठित हुआ। स्पेन के एक प्रख्यात पर्वतारोही ने स्पेन की एक विश्व प्रसिद्ध पर्वत चोटी का नाम उनके सम्मान में रखा। यह न केवल उनके व्यक्तिगत कृतित्व की पहचान है, बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के गौरव को भी दर्शाता है।

लेखक के एलबम से, बहुत पुरानी याद ; आशीष जी का आएएस में चयन होते ही उनके घर जाकर के उनका अभिनंदन किया था मैं , मेरे पास में आशीष जी के पिताजी ,तीसरे नंबर पर आशीष जी ,चौथे नंबर पर छोटू राम जी और पांच नंबर पर सुरेश जी।

डॉ. आशीष चौहान का हर कदम समाज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी सफलता यह सिद्ध करती है कि समर्पण, परिश्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति से कोई भी शिखर छू सकता है। वाल्मीकि समाज के इस रत्न ने न केवल अपने परिवार और समाज का नाम रोशन किया है, बल्कि देश के लिए भी एक आदर्श स्थापित किया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

Leave a comment

लेटेस्ट न्यूज़