नौशाद अली की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ली है। अधिकतम तापमान में तेजी से गिरावट आने और शीत दिवस की स्थिति बनने के कारण प्रदेशभर में भीषण ठंड पड़नी शुरू हो गई है। लखनऊ समेत कई हिस्सों में पिछले कई दिनों से धूप न निकलने के कारण दिन के समय भी ठिठुरन बढ़ गई है। बुधवार को राजधानी लखनऊ में दिनभर कड़ाके की ठंड रही, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 2 जनवरी को प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम साफ रहने की संभावना है। हालांकि, देर रात और सुबह के समय घना कोहरा छा सकता है। इसके अलावा, पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शीत दिवस रहने का अनुमान है।
गुरुवार को श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और बागपत जिलों में शीत दिवस घोषित होने की संभावना है। इसके अलावा, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, बिजनौर, अमरोहा और मुरादाबाद जिलों में भी ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है। साथ ही, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, संभल, शाहजहांपुर और बदायूं समेत आसपास के क्षेत्रों में भी शीत दिवस की स्थिति बनने की संभावना जताई गई है।
तापमान में भारी गिरावट
मेरठ, मुजफ्फरनगर और बरेली जैसे कई जिलों में अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। इस गिरावट ने ठंड के असर को और अधिक गंभीर बना दिया है।
जनवरी में कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग का कहना है कि जनवरी महीने में देश के कई हिस्सों में मासिक न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। हालांकि, पूर्वोत्तर, उत्तर-पश्चिम, उत्तर-मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
मध्य भारत के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में इस महीने सामान्य से अधिक शीतलहर के दिनों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, मासिक अधिकतम तापमान अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। हालांकि, उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के साथ-साथ दक्षिण प्रायद्वीप के मध्य भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है।
सावधानी और तैयारी
भीषण ठंड और शीतलहर की स्थिति को देखते हुए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सुबह और रात के समय बाहर निकलते वक्त गर्म कपड़े पहनने और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."