चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के नगला खटकरी गांव के रहने वाले एक युवक, बादल बाबू (30), ने सोशल मीडिया पर पनपे प्रेम के चलते ऐसा कदम उठाया, जिसने न केवल उसे मुसीबत में डाल दिया, बल्कि उसके परिवार को भी गहरे संकट में डाल दिया। पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने उसे बिना वैध दस्तावेजों के सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए सामने आई, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
सोशल मीडिया से शुरू हुई कहानी
बादल बाबू दिल्ली की एक फैक्ट्री में काम करता था। वहीं उसकी मुलाकात एक मुस्लिम मित्र से हुई। फेसबुक के माध्यम से बादल की दोस्ती पाकिस्तान की एक लड़की से हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। दोनों ने एक-दूसरे से मिलने का फैसला किया, लेकिन बादल ने मिलने की जल्दबाजी में बिना वीजा और दस्तावेजों के पाकिस्तान जाने का जोखिम भरा कदम उठा लिया।
सीमा पार करने का दुस्साहस
पाकिस्तान पहुंचने के बाद बादल मंडी बहाउद्दीन शहर तक पहुंच गया, जहां वह लड़की रहती थी। इसी बीच, 27 दिसंबर को पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बादल से पूछताछ में उसने बताया कि वह लड़की से मिलने आया था, जिसके साथ वह सोशल मीडिया पर लंबे समय से संपर्क में था।
पुलिस की कार्रवाई
पाकिस्तान की पुलिस ने बादल पर विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 13 और 14 के तहत मामला दर्ज किया है। उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह भी पता चला है कि इससे पहले भी बादल ने दो बार बिना वीजा के पाकिस्तान जाने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाया।
मां का रो-रोकर बुरा हाल
बादल की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही उसके परिवार में हड़कंप मच गया। उसकी मां और पिता दोनों ही सदमे में हैं। मां का कहना है कि बादल ने उन्हें बताया था कि वह दुबई में है, लेकिन वह पाकिस्तान कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। परिवार के लोग अब भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को सुरक्षित वापस लाया जाए।
परिवार की उम्मीदें भारत सरकार से
बादल के पिता कृपाल ने बताया कि लॉकडाउन के समय से उनका बेटा दिल्ली में काम कर रहा था। हाल ही में 29 और 30 दिसंबर को उसने पाकिस्तानी नंबर से वीडियो कॉल की थी। तब उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक वह पुलिस की गिरफ्त में आ चुका था। परिवार का कहना है कि वे बेटे की सलामती के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगे और भारत सरकार से उम्मीद रखते हैं कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करेगी।
प्रेम की कीमत
बादल बाबू की यह कहानी एक तरफ जहां सोशल मीडिया पर पनपने वाले रिश्तों के जोखिम को उजागर करती है, वहीं यह भी दिखाती है कि बिना सोचे-समझे उठाए गए कदम कैसे न केवल व्यक्ति के जीवन, बल्कि पूरे परिवार के लिए संकट का कारण बन सकते हैं। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि भारत सरकार बादल को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाती है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."