ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
गाजियाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो प्यार, धोखे और धर्म परिवर्तन के दबाव की भयावह कहानी को उजागर करता है। यह कहानी एक युवती की है, जिसने अपने प्रेमी के छल और दबाव से तंग आकर अपनी जान दे दी। इस घटना ने न केवल परिवार को तोड़कर रख दिया, बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है।
शुरुआत: प्यार से धोखे तक का सफर
मीतू (बदला हुआ नाम), गाजियाबाद की रहने वाली एक 30 वर्षीय महिला, दिल्ली के शाहदरा निवासी फ़राज़ अतहर से कुछ साल पहले मिली थी। मुलाकातों का सिलसिला बढ़ा और दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए। लेकिन यह प्रेम, छल और साजिश की बुनियाद पर टिका था।
फ़राज़ को पता चला कि मीतू के पिता ने उनके नाम पर करीब 20 करोड़ रुपये की संपत्ति रखी है। यही जानकारी फ़राज़ के गलत इरादों को बढ़ावा देने के लिए काफी थी। मीतू के पिता के अनुसार, फ़राज़ ने उनकी बेटी को नशे की लत में धकेल दिया और नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करके उसका शारीरिक शोषण किया।
धर्म परिवर्तन का दबाव और संपत्ति हड़पने की साजिश
फ़राज़ ने मीतू को गर्भपात के लिए मजबूर किया और धीरे-धीरे उस पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाने लगा। उसने मीतू को मुस्लिम धर्म से जुड़ी किताबें दीं और नमाज पढ़ने का तरीका सिखाने के लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की।
मीतू, फ़राज़ के प्यार में अंधी होकर उसकी हर बात मानती गई। लेकिन उसके पिता को अपनी बेटी के बदले व्यवहार पर शक हुआ। एक दिन जब उन्होंने मीतू को कमरे में दरवाजा बंद करके नमाज पढ़ते हुए देखा, तो उनका दिल दहल गया। इस घटना के बाद उनकी तबीयत इतनी बिगड़ी कि उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।
शादी का प्रस्ताव और धोखा
अस्पताल में भर्ती मीतू के पिता को फ़राज़ ने अपने प्रेम प्रस्ताव के लिए मनाया। उसने मीतू के पिता से कहा कि वह उनकी बेटी से शादी करना चाहता है और वादा किया कि वह उसका ख्याल रखेगा। मीतू की खुशी के लिए मजबूर होकर पिता ने सहमति दे दी।
फ़राज़ ने पिता से एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कराए, जिसमें लिखा था कि वह अपनी मर्जी से इस शादी के लिए तैयार हैं। हालांकि, यह सब एक साजिश का हिस्सा था। फ़राज़ ने मीतू पर दबाव डाला कि वह अपनी संपत्ति उसके नाम कर दे।
मीतू का अंत: दर्द और आंसुओं की कहानी
मीतू ने 10 दिसंबर को अपने पिता को फ़राज़ के असली इरादों के बारे में बताया। पिता कुछ कर पाते, इससे पहले ही 11 दिसंबर को मीतू ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली।
मीतू ने अपनी मौत से पहले फ़राज़ को 120 बार फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। वॉयस मैसेज में मीतू ने अपने दर्द और धोखे की कहानी बताई।
पुलिस की जांच और फ़राज़ की गिरफ्तारी
मीतू के पिता ने फ़राज़ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने फ़राज़ को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाए हैं। इनमें व्हाट्सएप चैट, वॉयस मैसेज और धार्मिक साहित्य शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल फ़राज़ ने मीतू पर दबाव बनाने के लिए किया।
समाज के लिए सबक
यह घटना न केवल मीतू और उसके परिवार के लिए एक त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। प्यार के नाम पर धोखा और धर्म परिवर्तन का यह खेल किसी की जिंदगी को तबाह कर सकता है। यह समय है कि हम सतर्क रहें और ऐसे मामलों में सजगता दिखाएं।
न्याय की उम्मीद
अब मीतू के पिता न्याय की गुहार लगा रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और उम्मीद है कि मीतू को इंसाफ मिलेगा।