चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ के सआदतगंज इलाके में बिजली बकाया वसूली के दौरान लेसा (लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन) के कर्मचारियों पर हमला होने का मामला सामने आया है। शनिवार को विक्टोरिया उपकेंद्र के मंसूर नगर इलाके में चलाए गए बकायेदारों के खिलाफ अभियान के दौरान यह घटना हुई। गुस्साई भीड़ ने न केवल कर्मचारियों के साथ मारपीट की, बल्कि वीडियो बना रहे एक कर्मचारी का मोबाइल भी तोड़ दिया।
36 हजार का बकाया बना विवाद की जड़
लेसा की टीम दोपहर करीब 1:30 बजे सैय्यद जुल्फिकार हुसैन के घर पहुंची। उन पर करीब 36,000 रुपये का बिजली बिल बकाया था। टीम ने बिल जमा न करने की स्थिति में कनेक्शन काटने की चेतावनी दी। इस पर सैय्यद जुल्फिकार भड़क गए और पास के कुछ लोगों को बुला लिया। मौके पर मोहल्ले के अन्य लोग भी इकट्ठा हो गए और कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज करने लगे।
कर्मचारियों पर हमला, मोबाइल तोड़ा
जब टीम के सदस्य सोमनाथ ने घटना का वीडियो बनाना शुरू किया, तो भीड़ ने उनके मोबाइल को छीनकर तोड़ दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि टीम को मौके से भागना पड़ा। इस बीच, स्थानीय लोगों ने लेसा कर्मचारियों पर अवैध वसूली और जबरन घर में घुसने का आरोप लगाया।
अधिकारियों का हस्तक्षेप, कनेक्शन काटा गया
घटना की जानकारी मिलते ही चौक डिवीजन के एक्सईएन रमन वासुमित्रा, एसडीओ और जूनियर इंजीनियर मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटना का जायजा लिया और सैय्यद जुल्फिकार हुसैन के परिसर का बिजली कनेक्शन तत्काल प्रभाव से कटवा दिया। अधिकारियों ने बताया कि उपभोक्ता को पहले ही तीन बार नोटिस भेजा जा चुका था। इसके बावजूद बिल जमा नहीं किया गया।
पुलिस में दर्ज हुई शिकायत
इस मामले में पीड़ित कर्मचारी ने सआदतगंज थाने में तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।
लेसा की अपील
लेसा अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि समय पर बिजली बिल जमा करें और किसी भी तरह की हिंसा या गैरकानूनी गतिविधियों से बचें। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) योजना के तहत बिल जमा कराने और लोगों को राहत देने के लिए भेजा गया था।
यह घटना न केवल विभागीय कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि बिजली विभाग और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास की कमी को भी उजागर करती है।