कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
हमीरपुर(उत्तर प्रदेश): हमीरपुर जिले में भू-माफिया की दबंगई और राजस्व विभाग की मिलीभगत का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दो सगे भाइयों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए जीवित होते हुए भी मृत घोषित कर दिया गया। यह मामला जन सुनवाई के दौरान तब उजागर हुआ, जब पीड़ित किसान अल्ला रख्खू पुत्र अब्दुल्ला ने जिला अधिकारी (डीएम) के सामने अपनी आपबीती सुनाई और न्याय की गुहार लगाई। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
घटना का पूरा विवरण
मौदहा तहसील क्षेत्र के फत्तेपुर गांव के निवासी अल्ला रख्खू ने बताया कि भू-माफियाओं ने उसकी 1.43 हेक्टेयर बेशकीमती जमीन हड़पने के लिए उसे और उसके भाई मुन्ना को राजस्व विभाग के अभिलेखों में वर्ष 1992 में मृत घोषित करवा दिया। इस साजिश में राजस्व विभाग के लेखपाल, नायब तहसीलदार, गांव के सरपंच और सचिव जैसे कई जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। इन लोगों ने फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करवाकर जमीन का हस्तांतरण भू-माफियाओं के नाम कर दिया।
पीड़ित किसान ने डीएम को बताया कि गांव के ही मोइनुद्दीन और शकीलुद्दीन नामक भू-माफियाओं ने इस पूरी साजिश को अंजाम दिया। इन माफियाओं ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराने के लिए तत्कालीन लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार और फर्जी गवाहों की मदद ली।
जन सुनवाई में साक्ष्य प्रस्तुत
जन सुनवाई के दौरान अल्ला रख्खू ने डीएम के सामने अपने जीवित होने के प्रमाण प्रस्तुत किए और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उसने बताया कि फर्जी दस्तावेजों की मदद से उसकी और उसके भाई की जमीन भू-माफियाओं के नाम दर्ज कर दी गई है।
भू-माफियाओं के डर से पलायन
अल्ला रख्खू ने यह भी बताया कि मोइनुद्दीन और शकीलुद्दीन का गांव में इतना आतंक है कि वह अपने परिवार के साथ फत्तेपुर में स्थित अपना मकान बेचकर पलायन करने को मजबूर हो गया। भू-माफियाओं द्वारा जमीन हड़पने के बाद उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं। गांव के प्रधान और सचिव भी भू-माफियाओं के साथ मिले हुए हैं, जो इस साजिश में शामिल हैं।
डीएम ने दिए जांच के आदेश
डीएम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सख्त रवैया अपनाया और इस प्रकरण की जांच का जिम्मा मौदहा के एसडीएम को सौंप दिया। डीएम ने एसडीएम से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
इस घटना ने जिले में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित किसान को न्याय दिलाने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।