कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर रेलवे स्टेशन पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) ने एक संयुक्त अभियान में चरस तस्करी की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया। इस कार्रवाई में 5.5 करोड़ रुपये की कीमत की 11 किलोग्राम चरस बरामद की गई और दो महिला तस्करों को गिरफ्तार किया गया। दोनों महिलाएं बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के मझौलिया थाना क्षेत्र की निवासी हैं।
घटना का पूरा विवरण
एनसीबी को इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर जानकारी मिली थी कि अवध एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 19038) में कुछ महिला तस्कर चरस की खेप लेकर जा रही हैं। यह ट्रेन रात 11:10 बजे बुढ़वल स्टेशन पर पहुंची, जहां से संदिग्ध महिलाओं की तलाश शुरू की गई। इसके बाद एनसीबी और आरपीएफ की टीम ने गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात 12:38 बजे गोमतीनगर स्टेशन पर दिव्यांग कोच में बैठी दो महिलाओं को रोका।
इन महिलाओं ने ठंड से बचने के लिए शॉल ओढ़ रखा था और उन्होंने अपने चेहरे को भी ढक रखा था। टीम को उनकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं। जब उनसे बोरे की जांच करने को कहा गया, तो बोरे में 22 पैकेट चरस बरामद हुई। जांच में पता चला कि बरामद चरस की कुल मात्रा 11 किलोग्राम है और उसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 5.5 करोड़ रुपये आंकी गई है।
गिरफ्तार महिलाओं से पूछताछ
प्रारंभिक पूछताछ में महिलाओं ने बताया कि उन्हें इस चरस की डिलीवरी कोटा में करनी थी। वहां उन्हें एक अन्य तस्कर से संपर्क करना था, जिसे यह खेप सौंपनी थी। डिलीवरी के बदले उन्हें पैसे मिलते और फिर वे वापस लौट जातीं। इस खुलासे के बाद पुलिस ने उनसे गहराई से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि इस तस्करी नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके पूरे जाल का खुलासा हो सके।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
इस सफल अभियान के लिए एनसीबी और आरपीएफ की टीम को सराहना मिल रही है। यह घटना दर्शाती है कि तस्कर लगातार नए-नए तरीकों से मादक पदार्थों की तस्करी का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते वे पकड़े जा रहे हैं।
इस कार्रवाई के बाद रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।