जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। डा. अम्बेडकर संवैधानिक महासंघ के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के तत्वावधान में भारत रत्न और संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विधान सभा मार्ग स्थित एसबीआई वाली गली में आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संयोजन फार मेकेनिक अब्दुल रहमान द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उपनिदेशक सूचना (सेवानिवृत्त) प्रमोद कुमार, संपादक संदीप कुमार, मुन्ना यादव, अखिलेश सिंह, अमान खान, ओम नारायण, वी. सी. आर्य, किरण द्विवेदी और श्रवण ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर केवल भारत के संविधान के शिल्पकार ही नहीं थे, बल्कि आधुनिक भारत के मूर्तिकार भी थे। उन्होंने समाज को एकता, समानता और अखंडता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। डा. अम्बेडकर ने दलितों, वंचितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया और सामाजिक न्याय की मजबूत नींव रखी।
अब्दुल रहमान ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बाबा साहब का जीवन और उनके विचार सभी वर्गों को एकजुट करने और देश में आपसी भाईचारा बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि डा. अम्बेडकर के आदर्शों को अपनाकर हम एक समतामूलक समाज की स्थापना कर सकते हैं।
इस अवसर पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी बाबा साहब के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके विचार और उनके द्वारा दिए गए अधिकार देश के हर नागरिक को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का अनुभव कराते हैं।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने डा. अम्बेडकर के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया और उनके सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही।