कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी जिले में मानव तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने सीतापुर के एक दरोगा सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोप है कि ये सभी एक युवती को देह व्यापार में धकेलने की साजिश में शामिल थे।
मामले की शुरुआत
मितौली थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती ने करीब एक महीने पहले पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि गांव के गुड्डू, उसके दामाद, और सीतापुर में तैनात दरोगा योगेश ने उसे देह व्यापार में धकेलने की कोशिश की। युवती ने बताया कि आरोपियों ने पहले उसे नौकरी दिलाने और लाखों रुपए का लालच दिया।
युवती ने इनकी मंशा को भांपकर उनके साथ जाने से इनकार कर दिया और पुलिस को मामले की जानकारी दी। लेकिन पुलिस ने आरोपियों में दरोगा का नाम आने के बाद जांच बंद कर दी।
25 अक्टूबर को हुआ मामला उजागर
पुलिस की निष्क्रियता के बाद मामला 25 अक्टूबर को चर्चा में आया। युवती ने न्याय के लिए कई जगहों पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई।
राजनीतिक दबाव और पुलिस की लापरवाही
जांच में पता चला कि आरोपियों ने युवती का सौदा करने की साजिश रची थी। इस काम में गुड्डू, उसका दामाद, और दरोगा योगेश शामिल थे। शुरुआती जांच में पुलिस ने सीडीआर और लोकेशन डिटेल निकाली, लेकिन दरोगा का नाम सामने आने के बाद जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, दरोगा को बचाने के लिए अन्य जिलों के दो सीओ और कुछ राजनीतिक नेताओं ने पैरवी की। इस दौरान पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने में एक महीने का समय लिया।
मानव तस्करी का मामला निकला
जब पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की, तो यह मामला मानव तस्करी का निकला। युवती की सतर्कता और साहस ने आरोपियों की साजिश को नाकाम कर दिया। पुलिस ने विजय कुमार मौर्या, चंद्रभाल उर्फ गुड्डू, आनंद जायसवाल, और दरोगा योगेश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
गिरोह के सक्रिय होने का अंदेशा
पुलिस की जांच में पता चला कि यह गिरोह भोली-भाली और अनाथ लड़कियों को निशाना बनाता था। सूत्रों का कहना है कि यह गिरोह लड़कियों को फंसाकर उन्हें देह व्यापार के धंधे में धकेलता है। पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह के और भी सदस्य हो सकते हैं, जिनकी पहचान करना बाकी है।
पुलिस पर गंभीर सवाल
मामले को दबाने के लिए बड़ी रकम वसूलने और राजनीतिक दबाव के आरोप पुलिस पर लगे हैं। अब जब मामले ने तूल पकड़ा, तो आनन-फानन में आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया।
न्याय के लिए संघर्षरत युवती
इस पूरे मामले ने पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। युवती ने अपनी सतर्कता और साहस से न केवल अपनी रक्षा की, बल्कि इस संगठित गिरोह का भंडाफोड़ भी किया। मामले की जांच अभी जारी है, और पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।