अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
बलरामपुर जिले में पुलिस ने फर्जी वीजा बनाकर लोगों को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह कुवैत भेजने के नाम पर लोगों से मोटी रकम ऐंठता था और उन्हें फर्जी दस्तावेज थमाकर धोखा देता था।
कैसे हुआ खुलासा?
तुलसीपुर कोतवाली के रेहरा गांव के निवासी शकील अहमद ने उतरौला कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर इस गिरोह की जानकारी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि गैण्डास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के मझौवा कुर्थुवा गांव के निवासी ताहिर खान और नयानगर विशुनपुर गांव के निवासी ताहिर अली ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उन्हें कुवैत भेजने के नाम पर 4 लाख 35 हजार रुपये लिए।
इसके बाद मेडिकल कराने के नाम पर 50 हजार रुपये और यह कहकर कि वे मेडिकल टेस्ट में फेल हो गए हैं, एक लाख रुपये और ऐंठ लिए। बाद में जब दूतावास से वीजा का सत्यापन कराया गया, तो वह फर्जी निकला।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। विवेचना के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे फर्जी वीजा बनाकर लोगों को ठगने का काम करते थे।
पुलिस ने बलरामपुर जिले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया
1. ताहिर अली (निवासी: नयानगर, उतरौला कोतवाली)
2. मोहम्मद आरिफ (निवासी: मझौवा कुर्थुवा, गैण्डास बुजुर्ग थाना)
3. मोहम्मद अहमद (निवासी: मझौवा कुर्थुवा, गैण्डास बुजुर्ग थाना)
कैसे करते थे ठगी?
आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने कुल पांच वीजा बनवाने के लिए पीड़ित से 4 लाख 35 हजार रुपये लिए थे। बाद में मेडिकल के नाम पर डेढ़ लाख रुपये और ऐंठे। फर्जी वीजा और मेडिकल दस्तावेज देकर लोगों को ठगने का यह खेल लंबे समय से चल रहा था।
पुलिस टीम की सराहना
गिरोह को गिरफ्तार करने में उप-निरीक्षक स्वतंत्र कुमार गुप्ता और कांस्टेबल अजय विश्वकर्मा, सुरेंद्र कुमार और अंकित चौरसिया की अहम भूमिका रही। पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मामले की जानकारी दी।
आगे की कार्रवाई
बलरामपुर पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने लोग इस गिरोह का शिकार हुए हैं। दूतावास से मिले सत्यापन ने पुलिस को इस पूरे नेटवर्क का खुलासा करने में मदद की है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे विदेश जाने के नाम पर किसी भी एजेंट या दलाल के झांसे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। बलरामपुर पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में फर्जी वीजा रैकेट के खिलाफ सख्त संदेश गया है।