गंगाधर राव की रिपोर्ट
चुरू: पति-पत्नी के रिश्ते में आई खटास न केवल उनके जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि उनके परिवारों को भी बिखरने की कगार पर ले आती है। हालांकि, कभी-कभी इसी खटास से एक नई प्रेम कहानी की शुरुआत हो जाती है। चूरू जिले से सामने आई एक ऐसी ही प्रेम कहानी ने सबका ध्यान खींचा है।
पति की बेरुखी ने तोड़ा रिश्ता
यह कहानी सरदारशहर की 24 वर्षीय सुनीता की है, जिसने अपने पति और दो बच्चों को छोड़कर अपने पुराने प्रेमी भालाराम का हाथ थाम लिया है। सुनीता की शादी 2015 में बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ के रहने वाले एक व्यक्ति से हुई थी। शादी के बाद दो बच्चे हुए, लेकिन पति के साथ लगातार अनबन ने उनके रिश्ते को कमजोर कर दिया।
छह साल पुरानी पहचान ने बढ़ाया प्रेम
करीब छह साल पहले सुनीता की पहचान राजलदेसर के भालाराम से हुई थी। दोनों का ननिहाल बरडासर गांव में था, जहां पहली बार उनकी मुलाकात हुई। हालांकि, शादीशुदा होने के कारण भालाराम ने उस समय अपने कदम पीछे खींच लिए। इस बीच, 18 महीने पहले भालाराम की शादी हो गई, लेकिन सुनीता और भालाराम के बीच बातचीत का सिलसिला जारी रहा।
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भालाराम की पत्नी नाराज, सुनीता का पति उदासीन
भालाराम की शादी के बाद भी जब वह सुनीता से बात करता था, तो उसकी पत्नी नाराज होकर अपने मायके चली गई। उधर, सुनीता अपने पति की बेरुखी से परेशान थी। दोनों की यह स्थिति उनके करीब आने का कारण बन गई।
सबकुछ छोड़कर नई राह पर निकले प्रेमी जोड़े
करीब दो महीने पहले सुनीता और भालाराम ने अपने-अपने घर छोड़ दिए। उन्होंने हरियाणा के हिसार जिले के हांसी में जाकर लिव-इन रिलेशनशिप के कागजात बनवाए और एक साथ रहने का फैसला किया।
परिवार की नाराजगी और धमकियों का सामना
उनके इस कदम से दोनों परिवारों में हड़कंप मच गया। परिजनों ने धमकियां देना शुरू कर दिया, लेकिन सुनीता और भालाराम ने अपने फैसले पर अडिग रहते हुए पुलिस की मदद लेने का निर्णय लिया।
पुलिस सुरक्षा की मांग
दोनों प्रेमी चूरू के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और अपनी सुरक्षा के लिए अपील की। अब यह प्रेमी जोड़ा समाज के डर और परिवार की नाराजगी के बावजूद एक नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए तैयार है।
इस घटना ने समाज में पारिवारिक संबंधों की अहमियत और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच जूझती मानवीय भावनाओं की गहराई को उजागर किया है। यह कहानी प्यार और संघर्ष के उस पहलू को दिखाती है, जहां इंसान अपने सुख और संतोष के लिए समाज की बंदिशों को तोड़ने की हिम्मत करता है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की