अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के चार दिन बाद भी हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो सके हैं। प्रशासन ने स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद रखी गई हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है, और अधिकतर लोग अपने घरों को छोड़कर अन्यत्र चले गए हैं। कई घरों के बाहर ताले लटके हुए हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इन महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद उनकी तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें देखकर लोग हैरान हैं।
सोशल मीडिया पर सवाल
इन तीनों महिलाओं को देखकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अधिकतर लोग कह रहे हैं कि ये महिलाएं देखने में दंगाई नहीं लगतीं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि इनमें से कुछ महिलाएं छतों से पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी कर रही थीं। वहीं, दो महिलाएं ऐसी हैं, जिनके घर से गोली चलने की घटनाएं सामने आई हैं।
सूत्रों का कहना है कि पुलिस जल्द ही हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों के पोस्टर जारी कर सकती है।
रविवार को हिंसा में 5 की मौत
संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, और उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। छतों से पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने मिलकर पुलिस पर पत्थरबाजी की। इस हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई।
गिरफ्तारियां और राजनीतिक हलचल
अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मच गई है। विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, जबकि प्रशासन ने हिंसा रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का दावा किया है।
इलाके में सन्नाटा, लोग डरे हुए
हिंसा के बाद से इलाके में डर का माहौल है। कई परिवार घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। पुलिस और प्रशासन इलाके में गश्त कर रहे हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि हालात सामान्य होने में अभी समय लगेगा।
संभल की यह घटना प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रशासन के लिए चुनौती यह है कि वह कैसे हालात को नियंत्रण में लाकर लोगों का भरोसा दोबारा जीत सके।