चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को भड़की सांप्रदायिक हिंसा ने चार परिवारों की जिंदगियों को उथल-पुथल कर दिया। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में नईम, बिलाल, नोमान, और कैफ शामिल हैं, जिनके परिवार पहले से ही गरीबी की मार झेल रहे थे। ये सभी अपने परिवारों के लिए कमाई का प्रमुख साधन थे, और उनकी मृत्यु ने इन परिवारों को गहरी आर्थिक और सामाजिक अस्थिरता में धकेल दिया है।
घटनास्थल पर मारे गए लोग
नईम: कोट गर्वी इलाके के रहने वाले नईम मिठाई की दुकान चलाते थे।
बिलाल: हयातनगर थाना क्षेत्र के निवासी बिलाल की कपड़े की दुकान थी।
कैफ: नखासा थाना क्षेत्र में रहने वाले कैफ बाजार में सौंदर्य प्रसाधन की दुकान लगाते थे।
नोमान: उनके परिवार ने मीडिया से बातचीत करने से मना कर दिया।
परिवारों का दुख और आर्थिक संकट
मृतकों के परिजनों ने अपने दर्द और आर्थिक संघर्ष की दास्तां सुनाई। बिलाल के भाई मोहम्मद अलीम ने बताया, “हम चार भाई हैं और हमारे पिता विक्रेता हैं। हमारी आर्थिक स्थिति पहले ही खराब थी। बिलाल ने जैसे-तैसे अपनी दुकान खोली थी। लेकिन पुलिस की कार्रवाई में उसे गोली मार दी गई।”
नईम के भाई तस्लीम ने कहा, “नईम उस समय मोटरसाइकिल पर मिठाई के सामान लेकर लौट रहे थे। तभी पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं और बाद में उन्हें गोली मारी। उनकी हत्या के पीछे का सच कोई नहीं जानता।” नईम के परिवार में उनकी पत्नी और चार छोटे बच्चे हैं।
कैफ के भाई फरदीन ने बताया कि कैफ के तीन भाई हैं, जिनमें से एक उनका चचेरा भाई है। परिवार अब अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है।
हिंसा के कारण और प्रशासन का बयान
संभल में तनाव की शुरुआत 19 नवंबर को हुई थी, जब कोर्ट के आदेश पर मस्जिद की संपत्ति को लेकर विवाद का खुलासा हुआ। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यह स्थान कभी हरिहर मंदिर था। रविवार को मस्जिद के समर्थकों और सर्वेक्षण दल के बीच विवाद बढ़ गया, जो बाद में हिंसा में बदल गया।
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार ने बताया, “हिंसा में करीब 20-22 लोग घायल हुए हैं। इनमें से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है, जबकि अन्य का इलाज चल रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
पुलिस ने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें समाजवादी पार्टी के संभल निवासी जिया-उर-रहमान बर्क और पार्टी के नेता मोहम्मद महमूद के बेटे सोहेल अख्तर भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, करीब 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन किया गया था, लेकिन सुरक्षा बलों को स्थिति संभालने में कठिनाई हुई। एसपी ने यह भी कहा कि घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल वीडियो की जांच की जा रही है।
वर्तमान स्थिति
सोमवार को अधिकारियों ने दावा किया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। जिले में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। हिंसा की न्यायिक जांच जारी है और प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
त्रासदी का असर
संभल की यह घटना एक बार फिर से प्रशासन की विफलताओं और समाज में बढ़ती असहिष्णुता को उजागर करती है। मृतकों के परिवार अपने अपनों को खोने के साथ-साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इन परिवारों को न्याय मिल पाएगा?