जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। आज के डिजिटल युग में साइबर ठगों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। मोबाइल और ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से ये ठग हर घर में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में पुलिस ने 190 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर इस खतरनाक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह एक छोटे से किराए के मकान में कॉल सेंटर बनाकर विदेशों तक लोगों को ठगने का काम कर रहा था।
कैसे चला ठगी का खेल
आरोपी आजमगढ़ के रैदोपुर मोहल्ले में एक छोटे से कमरे में फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। इनके मुख्य हथियार ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया थे। पूछताछ में पता चला कि ये ठग पहले लोगों को ऑनलाइन गेमिंग की लत लगाते थे और जब वे इसके आदी हो जाते, तब उनसे ठगी शुरू करते थे।
इनके शिकार न केवल भारत में बल्कि श्रीलंका, पाकिस्तान और दुबई जैसे देशों में भी हैं। पुलिस को इनके पास से इन देशों की सिम कार्ड भी बरामद हुई हैं, जिन्हें ये इंटरनेट के जरिए इस्तेमाल करते थे। महादेव एप, अन्ना रेड्डी और लोटस जैसे गेम इनकी ठगी के मुख्य माध्यम थे। ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर अपने विज्ञापन डालकर लोगों को आकर्षित करते थे।
किराए के मकान में बना कॉल सेंटर
गिरफ्तार आरोपी उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं। ये आजमगढ़ में कई सालों से किराए पर मकान लेकर रह रहे थे। मकान मालिकों को ये लोग ऑनलाइन टीचिंग का काम करने का झांसा देते थे, जिससे मकान मालिक उन पर भरोसा कर लेते थे। लेकिन जब पुलिस ने इनका भंडाफोड़ किया, तो स्थानीय लोग भी हैरान रह गए।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में ठगों के पास से 35 लाख रुपये का सामान बरामद किया गया है, जिसमें 3.40 लाख रुपये नगद, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिम कार्ड, 7 चेकबुक और एक जियो फाइबर शामिल हैं। साथ ही 169 बैंक खातों में जमा करीब 2 करोड़ रुपये को फ्रीज कर दिया गया है।
गिरफ्तारी और पुरस्कृत टीम
इस मामले में 71 लोगों ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने कई दिनों की मेहनत से इस गिरोह को पकड़ा। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने इस कामयाबी के लिए पुलिस टीम को 25,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।
साइबर सुरक्षा की बढ़ती जरूरत
यह घटना इस बात का सबूत है कि साइबर ठगों का नेटवर्क कितना खतरनाक और विस्तृत हो चुका है। यह हर व्यक्ति को सचेत रहने का संदेश देता है कि ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले किसी भी संदिग्ध संपर्क से बचें और साइबर सुरक्षा उपाय अपनाएं।