अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
उतरौला(बलरामपुर): उतरौला क्षेत्र में खलीलुल्लाह अस्पताल और जनता डायग्नोस्टिक्स सेंटर के कथित फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस मामले में डॉक्टर हामिद खलीलुल्लाह पर एक मरीज और उसके परिवार को दो साल तक आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
ऑपरेशन के नाम पर लाखों की ठगी
सूत्रों के मुताबिक, मरीज का पहला ऑपरेशन डॉक्टर खलीलुल्लाह ने पित्त की थैली के लिए किया था। इसके बाद मरीज को फिर से इलाज के नाम पर झूठे बहाने देकर करीब 2 से 3 लाख रुपये वसूल लिए गए। इतने महंगे इलाज के बावजूद मरीज की तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ।
फिर कराया दोबारा ऑपरेशन
लगभग दो साल बाद मरीज की हालत फिर बिगड़ गई, जिसके चलते उसे दोबारा पित्त की थैली और पथरी का ऑपरेशन कराना पड़ा। इस बार भी इलाज खलीलुल्लाह अस्पताल में ही हुआ।
आयुष्मान योजना के दुरुपयोग का आरोप
सूत्र बताते हैं कि खलीलुल्लाह अस्पताल में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। सरकारी योजना का लाभ गरीबों तक पहुंचने के बजाय कथित रूप से अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर इसे अपनी कमाई का जरिया बना रहे हैं।
डायग्नोस्टिक्स सेंटर की मिलीभगत
खलीलुल्लाह अस्पताल और जनता डायग्नोस्टिक्स सेंटर के बीच सांठगांठ की भी चर्चा है। आरोप है कि डायग्नोस्टिक्स सेंटर मरीजों के लिए फर्जी रिपोर्ट तैयार करता है, ताकि डॉक्टर मनमर्जी से इलाज और ऑपरेशन का रास्ता साफ कर सकें। यह खेल न केवल मरीजों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि डॉक्टरों की साख को भी बदनाम कर रहा है।
पीड़ित ने लगाई इंसाफ की गुहार
परेशान मरीज और उसके परिवार ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा अधीक्षक सहित कई अधिकारियों के दरवाजे पर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने बताया कि खलीलुल्लाह अस्पताल और जनता डायग्नोस्टिक्स सेंटर की मिलीभगत से उसे बार-बार परेशान किया गया और आर्थिक शोषण किया गया।
चर्चा का विषय बना मामला
उतरौला क्षेत्र में इस मामले को लेकर चर्चा तेज है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर कब ऐसे फर्जी डॉक्टरों और डायग्नोस्टिक्स सेंटर पर कार्रवाई होगी? यह मामला क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करता है।
जांच और कार्रवाई की मांग
इस गंभीर प्रकरण पर अब प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। क्षेत्रीय लोग चाहते हैं कि दोषी डॉक्टर और संबंधित अस्पतालों पर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।
अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम उठाया नहीं गया है, लेकिन पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और क्षेत्र में चल रही स्वास्थ्य सेवाओं की अनियमितताओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की उम्मीद है।