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November 21, 2024 11:33 pm

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केन नदी का बालू माफिया द्वारा लगातार दोहन, जलधारा के अस्तित्व पर मंडरा रहा संकट

97 पाठकों ने अब तक पढा

सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

बांदा: बुंदेलखंड की जीवनरेखा मानी जाने वाली केन नदी के अस्तित्व पर खनन माफिया की नजरें गड़ी हुई हैं। हाल ही में बांदा में आयोजित केन महाआरती के दौरान भक्तों ने गहरी चिंता जताई और कहा कि जिले के जिम्मेदार अधिकारियों और खनन माफिया की मिलीभगत के कारण केन नदी का चीर हरण हो रहा है। भक्तों का कहना है कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित मशीनों का खनन में लगातार उपयोग किया जा रहा है, जो पर्यावरण के लिए खतरनाक है।

महाआरती में जताई गई चिंता

केन महाआरती के आयोजन में सैकड़ों भक्तों ने हिस्सा लिया और नदी के जलस्तर में हो रही गिरावट पर चिंता व्यक्त की। भक्तों का कहना था कि केन माँ की जलधारा को अवैध खनन के जरिए बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर बाधित किया जा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद, भारी मशीनों का उपयोग बालू खनन में हो रहा है, जिससे नदी के प्राकृतिक बहाव को नुकसान पहुंच रहा है। भक्तों ने कहा कि खनन करना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन इसे सीमा के भीतर रहकर करना चाहिए ताकि केन नदी को कोई हानि न पहुंचे।

आने वाले समय में जल संकट की चेतावनी

वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर इसी तरह खनन जारी रहा तो केन नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। वर्तमान में बांदा के 70% निवासी इसी नदी के पानी पर निर्भर हैं। भविष्य में अगर जलधारा का अस्तित्व खत्म हो गया तो बांदा शहर में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान उपस्थित लोगों ने अपील की कि केन नदी को बचाने के लिए सभी नागरिक इस अभियान में जुड़ें।

सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से मिल रही जानकारी

महाआरती के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि लगातार सोशल मीडिया और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से यह जानकारी मिल रही है कि बालू खनन के कारण केन नदी की जलधारा प्रभावित हो रही है। यह नदी के अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी है। अगर जिला प्रशासन ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

संयुक्त विरोध प्रदर्शन की योजना

जिला गंगा समग्र एवं विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति ने घोषणा की है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो वे संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही, एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इसे पूज्य महाराज जी तक पहुंचाई जाएगी ताकि प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बनाया जा सके।

वर्षों से चल रही है जागरूकता की कोशिश

कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने बताया कि कई वर्षों से केन आरती का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बुंदेलखंड की इस जीवनदायनी नदी को सुरक्षित रखना है ताकि भविष्य में जल संकट से बचा जा सके। इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही और खनन माफिया की मनमानी के कारण स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

प्रमुख हस्तियां और कार्यकर्ता रहे मौजूद

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति, रेवती गुप्ता, शिवानी सिंह, डॉ. मुनेंद्र चौरसिया, जिला उपाध्यक्ष महेश कुमार धुरिया, सदर तहसील अध्यक्ष विनय कुमार प्रजापति, ब्लॉक अध्यक्ष सत्यम मिश्रा सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में केन नदी को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की और इस दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

इस विशेष महाआरती और जनजागरण कार्यक्रम के माध्यम से केन माँ की सुरक्षा की अपील की गई, ताकि आने वाली पीढ़ियों को जल संकट का सामना न करना पड़े। यह देखना अब प्रशासन और जनता के हाथ में है कि वे किस तरह इस अमूल्य धरोहर को बचाने के लिए कदम उठाते हैं।

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