चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रण तेज हो गया है, जिसमें यादव मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। करहल सीट यादव बहुल क्षेत्र मानी जाती है, जहाँ करीब सवा लाख यादव मतदाता हैं। इस सीट पर 1985 के बाद से अब तक यादव चेहरों की ही जीत होती आई है, जिससे इस बार का चुनाव भी खासा दिलचस्प हो गया है।
भाजपा का सैफई परिवार के रिश्तेदार पर दांव
भाजपा ने इस बार सैफई परिवार से जुड़े अनुजेश यादव को अपना उम्मीदवार बनाकर एक नई रणनीति अपनाई है। अनुजेश यादव, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के रिश्तेदार हैं। इस वजह से भाजपा को उम्मीद है कि वे यादव मतदाताओं के बीच पैठ बना पाएंगे। प्रचार में अनुजेश यादव की पत्नी संध्या यादव, जो कि धर्मेंद्र यादव की बहन हैं, पूरी सक्रियता से जुटी हुई हैं। संध्या के साथ उनकी सास और पूर्व विधायक उर्मिला यादव भी गाँव-गाँव जाकर वोट मांग रही हैं। सास-बहू की इस जोड़ी ने यादव वोट बैंक में हलचल मचा दी है, जिससे सैफई परिवार में बेचैनी बढ़ गई है।
सपा ने तेज प्रताप यादव को उतारा मैदान में
वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस उपचुनाव में अखिलेश यादव के भतीजे और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। करहल विधानसभा सीट पर 2022 में अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की थी और अब उनकी जगह उनके परिवार के एक और सदस्य तेज प्रताप पर विश्वास जताया गया है। अखिलेश यादव स्वयं भी यादव बहुल घिरोर क्षेत्र में अपनी जनसभाएं करने जा रहे हैं, जिससे यादव मतदाताओं को अपने पक्ष में एकजुट किया जा सके।
सपा-भाजपा के बीच यादव बहुल क्षेत्रों में जोर आजमाइश
भाजपा की पूरी कोशिश है कि यादव मतदाताओं को साधा जाए। खासकर घिरोर और बरनाहल क्षेत्र में भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार की ताकत झोंक दी है। इसी क्षेत्र में संध्या यादव और उर्मिला यादव सघन प्रचार कर रही हैं, जिससे सपा की पारंपरिक वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया जा सके। भाजपा इस बार करहल सीट पर सपा के गढ़ को ढहाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके विपरीत, सपा ने भी इन क्षेत्रों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
सैफई परिवार की पूरी ताकत चुनाव प्रचार में झोंकी
दीवाली के बाद सपा सांसद डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव ने पांच दिन लगातार नुक्कड़ सभाओं के जरिए घिरोर और बरनाहल क्षेत्रों में प्रचार किया। इसके साथ ही, सपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव भी तीन जनसभाएं कर चुके हैं। आगामी 20 नवंबर को मतदान से पहले सैफई परिवार एक बार फिर पूरी ताकत से मैदान में उतरने जा रहा है। इस कड़ी में शुक्रवार को अखिलेश यादव की बड़ी जनसभा घिरोर क्षेत्र के कोसमा चौराहे पर आयोजित की जाएगी।
सपा का एकजुट होने का आह्वान
सपा ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे एकजुट होकर चुनाव में पार्टी को जिताने के लिए पूरी ताकत से जुटें। पार्टी के अन्य नेताओं को भी गाँव-गाँव भेजकर यादव मतदाताओं को साधने की कोशिश की जा रही है।
करहल विधानसभा उपचुनाव इस बार यादव मतदाताओं के समर्थन को लेकर बेहद रोचक मोड़ पर पहुंच गया है। भाजपा ने सैफई परिवार के रिश्तेदार को उम्मीदवार बनाकर सपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश की है, जबकि सपा ने भी अपनी पूरी ताकत चुनाव में झोंक दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि 20 नवंबर को होने वाले मतदान में यादव मतदाता किस पार्टी को अपना समर्थन देते हैं।