कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उन्नाव, मथुरा के सुप्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने उन्नाव में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सनातन धर्म और हिंदुओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण बयान दिए। उनके साथ इस प्रेस वार्ता में उन्नाव के नगर विधायक पंकज गुप्ता भी उपस्थित थे। इस अवसर पर देवकीनंदन ठाकुर ने हिंदुओं की घटती जनसंख्या और उनके अधिकारों के संरक्षण पर जोर दिया।
हिंदुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने सवाल उठाया कि हिंदुओं की जनसंख्या लगातार कम क्यों हो रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “आज हिंदुओं को दो बच्चे ही अच्छे का नियम मानने पर बाध्य किया जा रहा है, जबकि अन्य समुदायों के लोग 20 बच्चे पैदा कर रहे हैं।” उन्होंने इस विषय पर चिंता व्यक्त की कि यह नियम सभी समुदायों पर समान रूप से लागू क्यों नहीं हो रहा है।
सनातन बोर्ड गठन की मांग
देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड के गठन की मांग करते हुए कहा कि सनातन धर्म के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक स्वायत्त संस्था की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद से सनातन धर्म के अनुयायियों ने काफी अत्याचार सहे हैं, उनके साथ भेदभाव हुआ है। इसलिए, उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत संस्था की जरूरत है। अगर यह बोर्ड पहले ही बन गया होता, तो शायद आज सनातन धर्म के लोग इतने शोषित और उपेक्षित नहीं होते।”
श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण पर सुझाव
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के निर्माण को लेकर उन्होंने प्रस्ताव रखा कि इसका निर्माण शंकराचार्यों की प्रणाली के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि “यह जरूरी है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि का निर्माण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हो, न कि किसी राजनीतिक दबाव या एजेंडे के तहत।”
अंतरधार्मिक विवाह पर विचार
देवकीनंदन ठाकुर ने अंतरधार्मिक विवाह पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हिंदू लड़कियों का विवाह हिंदू लड़कों से ही होना चाहिए। यह हमारी संस्कृति और परंपरा की रक्षा के लिए आवश्यक है।” उनका मानना है कि यह कदम हिंदू समाज के अस्तित्व और उसकी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में सहायक होगा।
देश की आंतरिक और बाह्य चुनौतियों पर विचार
उन्होंने आगे कहा कि भारत में कश्मीर, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसी घटनाएं होती हैं, तो सभी सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सराहना की, जिन्होंने बांग्लादेश में हिंदू बहन-बेटियों पर हो रहे अत्याचारों को देखा और उनकी आवाज उठाई, जबकि भारत के नेता इसे अनदेखा कर रहे हैं।
16 नवंबर को दिल्ली में एकजुट होने का आह्वान
इससे एक दिन पहले लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उन्होंने हिंदुओं से अपील की थी कि वे 16 नवंबर को दिल्ली में एकत्रित हों और सनातन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद करें। उन्होंने हिंदू समाज से बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचने का अनुरोध किया, ताकि सनातन धर्म के हितों की रक्षा की जा सके।
इस बयान के प्रभाव और इसके निहितार्थ
देवकीनंदन ठाकुर के बयानों से स्पष्ट है कि वे सनातन धर्म के अधिकारों और उनके संरक्षण को लेकर गंभीर चिंतित हैं। उनका यह बयान हिंदू समाज को एकजुट होने की दिशा में प्रेरित कर सकता है। हालांकि, यह बयान विवादास्पद भी हो सकता है, क्योंकि यह विभिन्न समुदायों के बीच मतभेद को बढ़ावा देने की दृष्टि से देखा जा सकता है।
देवकीनंदन ठाकुर का यह आह्वान ऐसे समय में आया है, जब देश में धार्मिक और सामाजिक ध्रुवीकरण की स्थिति बढ़ रही है। उनका सनातन बोर्ड का सुझाव एक नई बहस को जन्म दे सकता है, जहां हिंदू धर्म के अनुयायी एक संगठन के तहत अपने अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन यह भी देखना होगा कि सरकार और समाज के अन्य वर्ग इस पहल को किस तरह से देखते हैं और इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
देवकीनंदन ठाकुर महाराज का यह बयान निश्चित ही सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच एक नई जागरूकता फैलाने का प्रयास है। उनकी मांगें और सुझाव हिंदू समाज को संगठित करने की दिशा में एक पहल के रूप में देखी जा सकती हैं। लेकिन इस मुद्दे को लेकर आने वाले समय में देश में एक व्यापक चर्चा और बहस होना तय है। अब देखना यह है कि इस बयान के बाद देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति में क्या बदलाव आते हैं।