दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में सपा नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह उर्फ मोनू सिंह की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तीखी बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह घटना धनपतगंज ब्लॉक में आयोजित एक बोर्ड बैठक के दौरान हुई, जिसमें भाजपा की नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख पार्वती सरोज की अध्यक्षता में बजट प्रस्ताव को पारित किया जा रहा था।
क्या है पूरा मामला?
धनपतगंज ब्लॉक में नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख पार्वती सरोज की अगुवाई में एक बोर्ड बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में सुल्तानपुर के विधायक एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह सहित कई क्षेत्र पंचायत सदस्य मौजूद थे। बैठक में बजट प्रस्ताव पास कर दिया गया। जब यह खबर सपा नेता मोनू सिंह और विपक्षी क्षेत्र पंचायत सदस्यों तक पहुंची, तो वे तुरंत ब्लॉक कार्यालय पहुंचे और आरोप लगाया कि इस प्रस्ताव को पारित करने के लिए कोरम पूरा नहीं हुआ है।
मोनू सिंह का आरोप था कि उनके समर्थक क्षेत्र पंचायत सदस्य आने से पहले ही उनके फर्जी हस्ताक्षर करके बजट प्रस्ताव पास कर दिया गया। इसी मुद्दे पर वे बीडीओ (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) से उलझ गए।
एसओ और मोनू सिंह के बीच गरमागरमी
जब मोनू सिंह बीडीओ से बहस कर रहे थे, तो वहीं पास खड़े थानाध्यक्ष (एसओ) राम आशीष उपाध्याय ने उन्हें टोकते हुए कहा, “फालतू बात मत करो, होश में रहो।” इस पर मोनू सिंह भड़क उठे और एसओ को उंगली दिखाते हुए चेतावनी दी, “आप भी ज्यादा गर्मी मत दिखाइए, ये बता दे रहा हूं।”
इसके बाद दोनों के बीच माहौल गर्म हो गया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव कर दोनों को अलग किया, जिससे मामला और बढ़ने से रुक गया।
घटना के पीछे की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि हाल ही में धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में पार्वती सरोज को विजय मिली थी। उनके चुने जाने के बाद यह पहली बैठक थी, जो कि पहले कोरम की कमी के कारण रद्द कर दी गई थी। इसी कड़ी में पुनः बैठक बुलाई गई, जिसमें भाजपा के कई नेता और सदस्य उपस्थित थे।
मोनू सिंह का राजनीतिक सफर
मोनू सिंह, जिन्हें बाहुबली नेता के रूप में जाना जाता है, पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं। वे सुल्तानपुर में तीन बार विधायक रह चुके हैं और उन्होंने एक बार जेल में रहते हुए भी चुनाव जीता था। अपने दबंग अंदाज के लिए मशहूर मोनू सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी सुल्तानपुर में कड़ी चुनौती दी थी।
इस घटना के बाद सुल्तानपुर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। लोग इस घटना को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस घटना का क्या प्रभाव पड़ता है।
इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिससे सुल्तानपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।