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December 2, 2024 10:49 pm

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“समाचार दर्पण” की विशेष रिपोर्ट : बंथरा में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का खुलासा, पत्रकार पर दबाव, ग्रामीणों में आक्रोश

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

लखनऊ, 27 अक्टूबर 2024: लखनऊ के बन्थरा कस्बे में जिला पंचायत की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 

हमारे न्यूज़ चैनल, समाचार दर्पण 24, द्वारा इस मुद्दे को 26 अक्टूबर 2024 को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था, जिसके बाद से लगातार स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की ओर से पत्रकारों को कॉल कर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त करने और स्थिति की पुष्टि करवाने की मांग की जा रही है। हालांकि आज, 27 अक्टूबर को, कई घंटों तक पत्रकारों ने शिकायतकर्ता का इंतजार किया, परन्तु कोई मुलाकात नहीं हो सकी।

समाचार दर्पण 24 ने सरकारी दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर ही खबर प्रकाशित की है, लेकिन फिर भी शिकायतकर्ताओं को सुनने और उनके पक्ष के साक्ष्य प्रकाशित करने का आश्वासन दिया गया है। हमारे चैनल का उद्देश्य किसी की झूठी खबरें प्रसारित कर लोकप्रियता हासिल करना नहीं है, बल्कि निष्पक्ष रिपोर्टिंग करना है।

सरोजिनी नगर क्षेत्र में दबंगों और भूमाफियाओं का वर्चस्व खुलेआम दिखाई दे रहा है। क्षेत्र के रसूखदार और तथाकथित माफियाओं द्वारा अवैध कब्जे, खनन, और संपत्ति डीलिंग के व्यवसाय की स्थिति यह दर्शाती है जैसे उन्हें प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त हो। ग्रामीण इलाकों के लोग अपने आप को असहाय और भगवान भरोसे मानने लगे हैं, क्योंकि सरकारी अधिकारी इस मुद्दे पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। क्षेत्रीय तहसील के कुछ जातीय समूहों का प्रभाव इतना अधिक है कि सरकारी भूमि पर कब्जा करके बड़े-बड़े शोरूम और दुकानों का संचालन हो रहा है।

सूत्रों के अनुसार, गाटा संख्या 544/2021 पर स्थित सरकारी भूमि, जो कि एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय की संपत्ति थी, पर लगभग 50 वर्षों से अवैध कब्जा जारी है। नौ महीने पहले इस भूमि पर हुए कब्जे के खिलाफ, सरकारी अधिकारियों ने जांच कर दोषियों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसमें 8-10 लोगों के नाम शामिल थे। लेकिन सत्ता में बैठे रसूखदारों के प्रभाव के कारण कार्यवाही को धीमा करने का प्रयास किया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए तहसील सरोजिनी नगर के उपजिलाधिकारी को नोटिस जारी किया है और सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिए हैं। इस मामले में विपक्ष ने भी कोर्ट में अपनी बात रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सरकारी अधिकारियों पर इसका असर नहीं दिख रहा है, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है।

सरोजिनी नगर क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं लगातार योगी सरकार की साख पर सवाल खड़ा कर रही हैं। यह एक गंभीर विषय है और आवश्यकता है कि राज्य सरकार एक ईमानदार जांच समिति गठित कर निष्पक्ष जांच करवाए। यदि ऐसा होता है तो इस अवैध तंत्र से जुड़े कई बड़े नामों की संलिप्तता सामने आ सकती है और भ्रष्टाचार के दोषियों को जेल की सजा भी हो सकती है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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