कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
राजधानी लखनऊ के सरोजिनी नगर क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन का कारोबार पुलिस प्रशासन की जानकारी और संरक्षण में खुलेआम फल-फूल रहा है। बिजनौर थाना क्षेत्र में खनन माफियाओं के डंपर बिना किसी अनुमति के सड़कों पर दौड़ रहे हैं, और बिना किसी बाधा के प्राइवेट कॉलोनियों में मिट्टी की भराई का काम कर रहे हैं। पत्रकारों ने इस अवैध खनन की गतिविधियों को कैमरे में कैद किया, जिसके बाद माफियाओं के गुर्गों से तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन मामला शांत करा दिया गया। खनन माफियाओं के गुर्गों ने पत्रकारों को धमकी दी कि उनके खिलाफ कोई भी शिकायत का कोई असर नहीं होगा क्योंकि पुलिस प्रशासन उनके साथ है।
यह स्थिति योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि अवैध खनन का यह कारोबार पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। सरोजिनी नगर के उपजिलाधिकारी डॉ. सचिन वर्मा ने अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जिससे साफ है कि इस अवैध कारोबार को अधिकारियों का अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है। यह केवल लखनऊ तक सीमित नहीं है; उन्नाव जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भी खनन माफिया पुलिस के संरक्षण में अपना कारोबार चला रहे हैं।
पिछले छह महीनों से उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र से लेकर लखनऊ के सरोजिनी नगर तक, पुलिस की निगरानी में अवैध मिट्टी खनन का धंधा बिना किसी रोक-टोक के जारी है। यहां तक कि इन डंपरों को पेट्रोल पंप के सामने स्थित धर्मकांटा के पास मिट्टी भराई करते देखा गया, लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी ने हस्तक्षेप नहीं किया।
स्थानीय लोगों में इस स्थिति को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। उनका मानना है कि योगी सरकार के शासनकाल में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी चरम पर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं और इसे रामराज्य के आदर्शों का उपहास मानते हैं। अधिकारियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं दिखता, जिससे जनता का विश्वास लगातार घट रहा है।
अवैध खनन माफियाओं की गतिविधियों और सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में योगी सरकार की नाकामी को लेकर जनता में नाराजगी और गुस्सा बढ़ रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."