ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
बटेश्वर में 29 अक्तूबर से शुरू होने वाले मेले की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इस बार मेले में संतों के अखाड़े का स्थल मंदिर कारीडोर के विकास की भेंट चढ़ गया है। हाल ही में, विष्णु धाम सन्यास आश्रम, बुलंदशहर के स्वामी रामानंद सरस्वती बटेश्वर पहुंचे, जहां उन्होंने अखाड़े के स्थल का निरीक्षण किया।
स्वामी रामानंद सरस्वती ने अखाड़े के स्थल पर हो रहे मंदिर कारीडोर के विकास पर अपनी खुशी व्यक्त की। उनका मानना है कि इस विकास से बटेश्वर में धार्मिक पर्यटन को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कुंड, यज्ञ स्थल आदि के विकास पर भी संतोष जताया, जिससे स्थानीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
स्वामी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिला पंचायत बटेश्वर क्षेत्र में जहां जमीन उपलब्ध कराएगी, वहीं संतों के लिए डेरा लगाने की व्यवस्था की जाएगी। इससे पहले, महामंडलेश्वर बाबा बालक दास ने अखाड़े के स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया था। बाबा बालक दास के नेतृत्व में देवोत्थान एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा और कार्तिक दौज जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर नागा शाही स्नान का आयोजन होता है। वे बटेश्वर को पांचवे कुंभ का दर्जा दिलाने के लिए भी प्रयासरत हैं, जिससे यहां धार्मिक गतिविधियों और आस्था का और अधिक विस्तार हो सके।
इस प्रकार, बटेश्वर का मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि इसके विकास कार्यों के चलते यह क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर सकता है ।
Author: samachar
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