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November 22, 2024 4:31 am

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बवाल के बाद फोर्स के साथ 1 किमी दूर खड़े थे एस एस पी साहब, हटा दिए गए…..

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बहराइच में हाल ही में हुई हिंसा के बाद योगी सरकार पूरी तरह से एक्शन में नजर आ रही है। इस घटना के बाद सरकार ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का भी निर्णय लिया है। 

घटना में लापरवाही बरतने के आरोपों के चलते बहराइच के अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) पवित्र मोहन त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया गया है, और उनकी जगह दुर्गा प्रसाद तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। त्रिपाठी को डीजीपी मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है, जबकि इस घटना के बाद सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

घटना का विवरण बताते हुए, 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 

इस घटना ने देखते ही देखते पूरे इलाके में हिंसक रूप ले लिया। पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के आरोप भी लगाए गए, जिसके बाद बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। 

मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद डीजीपी प्रशांत कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की और जिम्मेदार अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी थी।

खबरों के मुताबिक, जब महाराजगंज में हिंसा के बाद पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर मौजूद थे, तब अपर पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी घटनास्थल पर न जाकर दो किलोमीटर दूर एक कंपनी पीएसी के साथ खड़े थे। इसी लापरवाही के चलते उन्हें उनके पद से हटाया गया। साथ ही, उनके अटैचमेंट के बाद आगे की कार्रवाई की भी संभावना जताई जा रही है।

इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए एक गंभीर चुनौती हैं। धार्मिक या सांप्रदायिक आयोजनों के दौरान हिंसा भड़कना न केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में समाज को सजग रहने की आवश्यकता है। 

छोटी-छोटी बातों को हिंसा का कारण बनने से पहले समझदारी से हल करना चाहिए। पुलिस और प्रशासन को भी ऐसी घटनाओं के प्रति सतर्क रहना चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जा सके।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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