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November 1, 2024 7:02 pm

थूक जिहाद, मूत्र जिहाद, सबको ठंढा करेगा लठ्ठ जिहाद, पढिए क्या है माजरा?

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में ‘जिहाद’ के विभिन्न रूपों को लेकर हिंदू संगठनों और राज्य सरकार की सक्रियता बढ़ गई है। खासतौर पर ‘थूक जिहाद’ और ‘मूत्र जिहाद’ की घटनाओं के बाद अब ‘मेहंदी जिहाद’ का मामला सामने आया है। करवाचौथ के त्योहार से ठीक पहले, मुजफ्फरनगर में हिंदू संगठनों ने मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू महिलाओं को मेहंदी लगाने पर आपत्ति जताते हुए इसे ‘मेहंदी जिहाद’ का नाम दिया है। इस घटनाक्रम के तहत, हिंदू संगठनों ने कथित रूप से लाठी-डंडे उठाकर विरोध करने की तैयारी की है।

मुजफ्फरनगर में करवाचौथ से पहले हिंदू संगठनों ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें लठ पूजा (लाठियों की पूजा) की गई। इसके बाद, संगठन के लोग बाजारों में लाठियां लेकर घूमते नजर आए, जहाँ उन्होंने मेहंदी लगाने वाले लोगों से उनके आधार कार्ड चेक किए। 

संगठन का कहना है कि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हिंदू महिलाओं को मेहंदी लगाने वाले लोग अपनी पहचान सही ढंग से बताएँ। यदि कोई मुस्लिम युवक अपनी पहचान छिपाकर करवाचौथ के अवसर पर मेहंदी लगाता पाया गया, तो उसे इन लाठियों से सबक सिखाया जाएगा। इस दौरान, एक वक्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि पहले निवेदन किया जाएगा, फिर आवेदन, और यदि फिर भी मुस्लिम युवक नहीं माने तो लाठी का इस्तेमाल किया जाएगा।

हिंदू संगठनों ने मुस्लिम युवकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें कहा गया है कि मुस्लिम युवक जानबूझकर अपनी पहचान छिपाकर हिंदू महिलाओं को मेहंदी लगाते हैं। उनके अनुसार, यह ‘मेहंदी जिहाद’ के रूप में देखा जा रहा है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके चलते, मुजफ्फरनगर में मंत्रोच्चारण के साथ लाठी पूजा का आयोजन किया गया।

इससे पहले, ‘थूक जिहाद’ और ‘मूत्र जिहाद’ जैसी घटनाओं ने उत्तर प्रदेश में काफी विवाद खड़ा किया था। कुछ मुस्लिम युवकों पर आरोप लगाए गए थे कि वे खाने-पीने की चीजों में थूक या मूत्र मिलाकर ग्राहकों को परोसते हैं। 

ऐसी घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी किए कि रेहड़ी-पटरी और ढाबा मालिकों को अपनी दुकानों में नेमप्लेट लगानी होगी, जिस पर कर्मचारियों की पहचान और मालिक की जानकारी स्पष्ट रूप से दी गई हो। इस कदम पर राजनीतिक विवाद भी हुआ, लेकिन सरकार ने इसे सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए आवश्यक बताया।

इस पूरे घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया है, और करवाचौथ के अवसर पर माहौल में और अधिक तनाव की संभावना जताई जा रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."