कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक अनाथालय से 9 लड़कियां गायब हो गईं। यह घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र स्थित श्रीराम औद्योगिक अनाथालय की है, जहां लड़कियों ने बाथरूम की रोशनदान की जाली काटकर भागने का प्रयास किया। पुलिस को इस घटना की सूचना अनाथालय के अधिकारियों द्वारा सुबह करीब पौने चार बजे दी गई, जिसके बाद अलीगंज पुलिस एक्शन में आई। फिलहाल, पुलिस ने तेजी से कार्यवाही करते हुए दो लड़कियों को पुरनिया इलाके से सुरक्षित बरामद कर लिया है, जबकि 7 लड़कियों की तलाश अभी भी जारी है।
गायब हुई लड़कियों की उम्र नाबालिग बताई जा रही है, और यह लड़कियां अलग-अलग जिलों जैसे बहराइच, बाराबंकी, और अयोध्या से हैं। पुलिस द्वारा यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बाकी लड़कियां भी आसपास के भीड़भाड़ वाले इलाकों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों में हो सकती हैं। पुलिस प्रशासन ने उनके परिजनों से संपर्क किया है और संभावित ठिकानों पर छानबीन जारी है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सभी प्रयास कर रही है कि लापता लड़कियों को जल्द से जल्द सुरक्षित बरामद किया जा सके।
इस तरह की घटनाएं प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। अनाथालय, जो कि बच्चों की सुरक्षा और देखभाल के लिए बनाए जाते हैं, वहां से इस तरह की घटनाएं होना प्रशासनिक लापरवाही और कमजोर सुरक्षा तंत्र की ओर इशारा करती हैं। यह घटना केवल अनाथालय की व्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि पूरे समाज पर भी सवाल खड़ा करती है। नाबालिग लड़कियों के इस तरह से गायब होने से उनकी सुरक्षा और भविष्य पर गंभीर चिंताएं उत्पन्न होती हैं।
ऐसे मामलों में प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे न केवल लड़कियों को सुरक्षित बरामद करें बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए अनाथालयों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना बेहद जरूरी है। जब तक प्रशासन ऐसी घटनाओं के लिए कठोर कदम नहीं उठाता, तब तक समाज में सुरक्षा का भरोसा डगमगाता रहेगा।
अंततः यह घटना प्रशासन के प्रति जनता के विश्वास को भी कमजोर करती है और यह जरूरी है कि इस मामले में सभी संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द निष्कर्ष तक पहुंचे। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लड़कियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।