इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया के भाटपार रानी में रहने वाले मोहम्मद असलम सिद्दीकी ने अपने अदम्य साहस और मेहनत के बल पर एक अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। दोनों पैरों से विकलांग होने के बावजूद, असलम ने UGC NET परीक्षा में इतिहास विषय से टॉप किया है। इस सफलता ने साबित कर दिया है कि शिक्षा का रंग केवल मेहनत और लगन से ही दिखता है, न कि किसी शारीरिक बाधा से।
असलम का परिवार साधारण है, लेकिन उनके पिता, आबिद हुसैन, जो व्यापार मंडल भाटपार रानी के कोषाध्यक्ष हैं, ने हमेशा अपने बेटे को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। असलम ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत भाटपार रानी से ही की, और अपने संकल्प और मेहनत से हमेशा उत्कृष्टता की ओर बढ़ते गए।
उन्होंने 10वीं की परीक्षा सेंट जोसेफ स्कूल से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की, उसके बाद 12वीं कक्षा की पढ़ाई रघुराज सिंह इंटर कॉलेज, बहियारी बघेल से प्रथम श्रेणी में की। इसके बाद, उन्होंने मदन मोहन मालवीय कॉलेज से बीए में 74% अंक हासिल कर प्रथम श्रेणी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। फिर, अपने मास्टर डिग्री में भी, उन्होंने मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज से 2021-23 बैच में टॉप किया।
असलम ने दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद, सच्ची लगन और आत्म अध्ययन के जरिए NTA द्वारा आयोजित UGC NET परीक्षा को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे नगर का मान बढ़ाया। जब UGC NET परीक्षा का परिणाम आया, तो उनके घर बधाई देने वालों का ताता लग गया। पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल था। असलम ने अपने दरवाजे पर मिठाई बांटकर सभी का धन्यवाद किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस कहानी से यह साबित होता है कि शिक्षा के प्रति जुनून और कठिन परिश्रम से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। मोहम्मद असलम सिद्दीकी की उपलब्धि सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और यह दर्शाता है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर इरादा मजबूत हो, तो सफलता अवश्य मिलती है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."