कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ के सरोजिनी नगर क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन माफियाओं का कारोबार पुलिस और राजस्व विभाग के संरक्षण में बेरोक-टोक जारी है।
ग्राम पंचायत खटोला के ग्राम प्रधान संतोष कुमार लोधी राजपूत पर आरोप है कि उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी भूमि पर खनन माफियाओं को काम करने की छूट दे दी।
ये अवैध मिट्टी खनन राजधानी लखनऊ में बन रहे आउटर रिंग रोड के नाम पर किया जा रहा है, और इसमें करोड़ों रुपए की उगाही हो रही है।
हालांकि, कई समाचार पत्रों में इस अवैध खनन के खिलाफ रिपोर्टें प्रकाशित हो चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
मामला तब और गंभीर हो गया जब 15 अक्टूबर 2024 की रात को खनन माफियाओं के ड्राइवर और स्टाफ एक महिला के घर के बाहर जबरन सोते हुए पाए गए। महिला के विरोध करने पर ग्राम प्रधान संतोष कुमार लोधी राजपूत मौके पर पहुंचे और अपनी गाड़ी में उन्हें जबरन ले गए।
यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर शिकायतें सामने आई हैं। पिछले तीन वर्षों से पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग और ग्राम प्रधानों की मिलीभगत से ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
इस अवैध कारोबार के खिलाफ आवाज उठाने वाले ग्रामीणों को लगातार धमकाया जा रहा है, जिससे वे खामोश रहने के लिए मजबूर हैं।
इस घटना से पीड़ित महिला ने अपनी बेटियों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। उसने पत्रकारों के सामने सबूत के रूप में वीडियो रिकॉर्डिंग भी दिखाई, जिसमें खनन माफियाओं और ग्राम प्रधान की मिलीभगत का खुलासा हो रहा है। इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन ने अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है।
लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और जातिगत विशेषाधिकारों के चलते इन माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है।
इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग भयभीत हैं और अपनी आवाज उठाने से डर रहे हैं। अगर इस तरह से अधिकारियों की मनमानी चलती रही, तो इन ग्रामीण क्षेत्रों की बदहाल स्थिति को सुधारने की जिम्मेदारी कौन लेगा, यह एक बड़ा सवाल है।
Author: samachar
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