नौशाद अली की रिपोर्ट
बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए हिंसक बवाल ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आग के अंगारों पर ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध ‘बहराइच’ सुलग रहा है।
इस बीच, एक लेडी सिघंम ने सामने आकर मोर्चा संभाला है, वह है आईपीएस वृंदा शुक्ला।
जैसे ही दो समुदायों के बीच टकराव की खबर मिली, बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला तुरंत एक्टिव हो गईं और सड़कों पर उतरकर हालात को काबू करने लगीं। उनके इस सख्त और फुर्तीले एक्शन की हर तरफ सराहना हो रही है। आइए आपको रूबरू कराते हैं IPS वृंदा शुक्ला से…
बहराइच बवाल को काबू करने में वृंदा शुक्ला की भूमिका
बहराइच में हुई हिंसा में एक युवक राम गोपाल की मौत के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए थे। हजारों लोग सड़कों पर जमा हो गए और आगजनी और तोड़फोड़ करने लगे। इस स्थिति में आईपीएस वृंदा शुक्ला ने फोर्स के साथ मोर्चा संभाला और सख्ती से हालात पर नियंत्रण पाया। उनकी सतर्कता और तीव्र एक्शन की वजह से हिंसा को जल्द काबू किया जा सका।
कौन हैं वृंदा शुक्ला ?
हरियाणा के पंचकूला की मूल निवासी वृंदा शुक्ला 2014 बैच की आईपीएस अफसर हैं। साल 2014 में वृंदा शुक्ला ने यूपीएससी की परीक्षा पास की और IPS अधिकारी बनीं। उन्हें नगालैंड कैडर आवंटित किया गया था। खास बात यह है कि इनके पति अंकुर अग्रवाल चंदौली पुलिस में कप्तान के पद पर हैं। दोनों की स्कूली शिक्षा साथ हुई थी और बाद में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल होने का निर्णय लिया। 9 फरवरी 2019 को दोनों ने शादी की।
हरियाणा से अमेरिका तक डंका
वृंदा शुक्ला की पढ़ाई-लिखाई काफी उच्च स्तर पर हुई है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हरियाणा के कार्मल कॉन्वेंट और कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने पुणे स्थित महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंडिया से हायर एजुकेशन ली। उन्होंने अमेरिका की ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी हाईयर एजुकेशन हासिल की।
मुख्तार की बहू की गिरफ्तारी में निभाया था अहम रोल
आईपीएस वृंदा शुक्ला एक दबंग और निडर अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने कई अहम मामलों का खुलासा किया है और अपने तेज तर्रार एक्शन के लिए मशहूर हैं। खासकर, माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और उनकी पत्नी निकहत अंसारी के जेल कांड को उजागर कर उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। अब्बास और निकहत की मुलाकातें जेल में अनाधिकृत तरीके से हो रही थीं, जिसे लेकर वृंदा ने कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान निकहत के पास से मोबाइल फोन और सऊदी अरब की मुद्रा भी बरामद हुई थी।
साहसिक कार्रवाई और लोकप्रियता
वृंदा शुक्ला के सख्त और साहसिक फैसले उन्हें न सिर्फ पुलिस महकमे में बल्कि आम जनता के बीच भी एक लोकप्रिय चेहरा बनाते हैं। वे न सिर्फ अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती हैं बल्कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए भी सक्रिय रहती हैं। उनके कई लेख सम-सामयिक मुद्दों पर विभिन्न अखबारों और डिजिटल मंचों पर प्रकाशित होते रहते हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."