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December 13, 2024 12:45 am

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विजय का प्रतीक: विजयदशमी पर नीलकंठ पक्षी का दर्शन

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

भाटपार रानी। विजयदशमी, जिसे दशहरा के रूप में भी जाना जाता है, सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अद्वितीय है। वरिष्ठ भाजपा नेता, सुहावल कोठी के संरक्षक और रघुराज सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य, श्री कामेश्वर सिंह ने इस अवसर पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन को विजय का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह प्राचीन काल से सौभाग्य और सफलता का संकेत माना जाता रहा है।

श्री सिंह ने पौराणिक कथाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि जब भगवान राम रावण का अंत करने लंका की ओर प्रस्थान कर रहे थे, तब उन्होंने नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे। इसके बाद ही उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसी संदर्भ में हर साल दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है। इस दिन नीलकंठ के दर्शन से व्यक्ति की दरिद्रता समाप्त होती है और उसे समृद्धि की प्राप्ति होती है।

भाजपा विधायक सभा कुंवर कुशवाहा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नीलकंठ पक्षी को शांति, सद्भाव, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। दशहरे के दिन इस पक्षी को देखने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है और उसके जीवन में शुभ कार्य निरंतर होते रहते हैं।

समारोह के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने समुद्र मंथन की कथा का उल्लेख किया, जिसमें भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान किया था। इस विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला हो गया और तभी से उन्हें नीलकंठ कहा जाने लगा। इसलिए नीलकंठ का दर्शन धार्मिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।

समाजसेवी मानवीर सिंह ने कहा कि दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और यह शुभ संकेत माना जाता है। इस पक्षी को देखने से घर में निरंतर शुभ और फलदायी कार्य होते रहते हैं।

इस अवसर पर प्राचार्य सतीश चंद्र गौड़, डॉ. रामेश्वर सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, मुस्ताक अहमद, डॉ. शम्स परवेज, भाजपा नेता जितेंद्र गुप्ता उर्फ जीतू, सूर्य प्रताप सिंह उर्फ शालू, पंचायत प्रतिनिधि अविनाश यादव, कमलेश गुप्ता, धीरज सिंह, गया सिंह, शैलेंद्र सिंह, राधेश्याम सिंह, राम नारायण कुशवाहा, प्रमोद सिंह और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

समारोह में उपस्थित सभी व्यक्तियों ने नीलकंठ पक्षी के दर्शन का लाभ उठाया और इस धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनकर अपने जीवन को शुभ और समृद्ध बनाने की कामना की।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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