Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 1:58 am

लेटेस्ट न्यूज़

रावण चाचा ; गुटका चबाते दिखे लंकेश, कैमरा देखते ही किया हाय-बाय, आगे👇वीडियो देखिए, क्या हुआ? 

21 पाठकों ने अब तक पढा

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

नवरात्र का समापन आज हो गया, और इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर आयोजित रामलीलाओं का भी समापन हो रहा है। विजय दशमी पर रावण वध के साथ रामलीला का समापन होता है, और इस बार भी देशभर में रामलीला का मंचन हुआ। हालाँकि, इस वर्ष कुछ स्थानों पर रामलीला के आयोजन में असामान्य घटनाएँ भी देखने को मिलीं। कहीं बुलडोजर के कारण हादसा हुआ, तो कहीं अश्लील गानों के बीच मंचन हुआ।

इन्हीं विचित्र घटनाओं में से एक प्रयागराज से सामने आई, जहाँ एक रामलीला के मंचन के दौरान रावण को गुटखा खाते हुए देखा गया। रावण, जो ऊँचाई पर बैठा था, अपने मुंह में गुटखा दबाए हुए था और आराम से इधर-उधर देख रहा था। जब दर्शकों ने उसे पुकारा, तो उसने हाय-बाय करना शुरू कर दिया। इस दृश्य का किसी ने वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।

वीडियो में रावण को ऊँचाई पर बैठा हुआ देखा जा सकता है, जहाँ से लोग उसे ‘रावण चचा’ या ‘लंकेश चचा’ कहकर बुला रहे थे।

https://www.instagram.com/reel/DA5SLKYPwKX/?utm_source=ig_web_copy_link

यह दृश्य लोगों को इतना रोचक लगा कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो पर कमेंट करते हुए कुछ लोगों ने कहा कि ऐसी घटनाएँ सिर्फ भारत में ही संभव हैं, जहाँ लोग किसी से भी रिश्ता जोड़ने में माहिर हैं। रावण को भी ‘चाचा’ बना दिया गया, जो कि भारत की संस्कृति और अनूठे हास्यबोध को दर्शाता है। वहीं, एक यूजर ने मजाक में कहा कि रावण में भले ही कई बुराइयाँ थीं, लेकिन उसने कभी गुटखा नहीं खाया था।

इस प्रकार की घटनाएँ यह दिखाती हैं कि हमारी परंपराओं और धार्मिक आयोजनों में भी हास्य और व्यंग्य का स्थान है। यह एक सामाजिक संदेश भी है कि धार्मिक या सांस्कृतिक मंचन को हम किस प्रकार आधुनिकता के साथ जोड़कर कभी-कभी अपनी सीमा भूल जाते हैं। 

रामलीला जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में अनुशासन का होना आवश्यक है ताकि इनका मूल उद्देश्य, जो धार्मिक और सांस्कृतिक शिक्षाएँ देना है, वह पूरा हो सके।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़