प्रकाश पुंज पांडेय
छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को महत्वपूर्ण जीत मिली थी। इसके बाद, लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपनी स्थिति को मजबूत किया, जिसमें रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी सीट पर सफलता हासिल की। अब, रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं, और इस बार भाजपा की रणनीतियों पर चर्चा बढ़ गई है।
सत्तारूढ़ दल की चुनौतियां
आमतौर पर, उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल की जीत होती है। लेकिन भाजपा में प्रत्याशी चयन को लेकर चर्चा और अटकलें चल रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बृजमोहन अग्रवाल के करीबी किसी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कई नए चेहरों को मौका दिया था, जो राजनीति में एक अनपेक्षित बदलाव का प्रतीक था।
अमित शाह का रायपुर दौरा
हाल ही में, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रायपुर का दौरा किया। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए सहकारिता क्षेत्र के जानकार और अनुभवी प्रत्याशी की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह भी कहा जा रहा है कि यह प्रत्याशी संगठन में स्वीकार्य होना चाहिए और उनकी छवि भी साफ होनी चाहिए।
संभावित प्रत्याशी
भाजपा के भीतर कई नाम चर्चा में हैं, जैसे नंदन जैन, मनोज शुक्ला, संजय श्रीवास्तव, और मृत्युंजय दुबे। लेकिन पार्टी सहकारिता क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ को प्राथमिकता देने का विचार कर रही है। राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय के अनुसार, भाजपा नए चेहरे को तरजीह देने का विचार कर रही है ताकि आपसी गुटबाजी से बचा जा सके।
नीलम सिंह का नाम
सूत्रों के अनुसार, भाजपा की रायपुर जिला सहकारिता प्रकोष्ठ की संयोजक नीलम सिंह का नाम भी संभावित प्रत्याशियों में है। उनके पास सहकारिता क्षेत्र का अनुभव है और वे एक बेदाग छवि रखती हैं। इसके साथ ही, भाजपा को उनकी महिला होने से भी लाभ मिल सकता है।
गैर-राजनीतिक चेहरे की तलाश
भाजपा संभवतः किसी गैर-राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति, जैसे समाजसेवी, पत्रकार, डॉक्टर या वकील की खोज कर रही है। इस प्रकार की सोच पार्टी को एक बुद्धिजीवी और बेदाग प्रत्याशी प्रदान कर सकती है, जो चुनाव में जनता का विश्वास जीतने में मददगार साबित हो सकता है।
भविष्य में क्या घटित होगा, यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा। लेकिन रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव को लेकर चर्चाओं और अनुमानों का बाजार गर्म है।
भाजपा की रणनीतियों और सहकारिता के क्षेत्र में विशेषज्ञता की खोज इस उपचुनाव को महत्वपूर्ण बना रही है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."