चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा शहर के कई मोहल्लों में बारिश के दौरान जलभराव की समस्या गंभीर रूप से उभरकर सामने आई है। इसका मुख्य कारण तालाब और नालों पर अतिक्रमण और अवैध पटाई का कार्य है, जिसके चलते जल निकासी बाधित हो रही है। स्थानीय निवासियों ने इस समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी (डीएम) से शिकायत की, जिसमें उन्होंने बताया कि तालाब की अवैध पटाई से जलभराव की समस्या और जटिल हो रही है।
इस शिकायत के बाद डीएम नेहा शर्मा ने तुरंत संज्ञान लेते हुए भारी बारिश के बीच शहर के जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वह छाता लेकर उन इलाकों में पहुंचीं जहां तालाब की पटाई चल रही थी। मौके पर पहुंचते ही डीएम ने अवैध पटाई के काम को तुरंत रुकवा दिया।
डीएम नेहा शर्मा ने विशेष रूप से रानीबाजार, बरियारपुरवा, ददुवा बाजार और उसके आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इन क्षेत्रों के लोगों ने शिकायत की थी कि तालाब की मिट्टी से अवैध पटाई के कारण जल निकासी बाधित हो गई है, जिससे भारी बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है। डीएम ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, जिससे जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने स्थानीय निवासियों से भी बातचीत की, जिन्होंने बताया कि अवैध पटाई से जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है और इससे उनका दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। इस पर डीएम नेहा शर्मा ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि अवैध कार्यों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने नगर पालिका को निर्देशित किया कि वे इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रभावी योजनाएं बनाएं, ताकि भविष्य में जल निकासी से जुड़ी कोई भी समस्या न हो। उनकी त्वरित कार्रवाई से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली, क्योंकि लगातार हो रहे जलभराव से उनका जीवन काफी कठिन हो गया था।
डीएम की इस प्रभावी और तत्काल कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया कि प्रशासन जनता की समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है और अवैध कार्यों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है।
Author: samachar
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