चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़िये का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है, और अब इसके साथ तेंदुए और बाघ के हमले की खबरें भी सामने आ रही हैं।
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बहराइच जिले में मानो जंगलराज का माहौल बन गया है। जिले के महसी तहसील क्षेत्र के करीब 80 गांवों में एक भेड़िया लोगों के बीच खौफ का कारण बना हुआ है। यह भेड़िया इतना आदमखोर हो चुका है कि वन विभाग और ग्रामीणों की कड़ी निगरानी के बावजूद, रात में घरों में घुसकर बच्चों पर हमला कर रहा है।
हालांकि वन विभाग अब तक पांच भेड़ियों को पकड़ने में सफल रहा है, लेकिन बचा हुआ एक भेड़िया ग्रामीणों की नाक में दम किए हुए है। गुरुवार की रात इस भेड़िये ने दो मासूम बच्चों पर हमला कर दिया। पहला हमला 6 महीने के एक बच्चे आरुष पर हुआ, जो अपनी नानी के घर आया हुआ था। वहीं, दूसरा हमला ममता नाम की एक बच्ची पर हुआ, जब उसकी मां उसे दूध पिला रही थी। मां के शोर मचाने पर भेड़िया वहां से भाग गया। दोनों बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
भेड़िये के हमलों के चलते अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। वन विभाग की टीम पिछले एक महीने से बहराइच में इस आतंक को खत्म करने के लिए प्रयासरत है।
भेड़ियों के हमले के साथ ही अब तेंदुए और बाघ के हमले की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं। हाल ही में एक 13 साल की बच्ची पर तेंदुए ने हमला किया, जिससे उसकी गर्दन पर गंभीर चोटें आई हैं। उसे इलाज के लिए लखनऊ रेफर कर दिया गया है। वहीं, एक अन्य व्यक्ति पर तेंदुए ने खेत में काम करते समय हमला किया, जिससे उसके दोनों हाथ बुरी तरह जख्मी हो गए। उसका इलाज बहराइच के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
इस तरह के लगातार हो रहे हमलों ने बहराइच जिले में डर और दहशत का माहौल बना दिया है, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वन विभाग की कोशिशें जारी हैं, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."