ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ हाईकोर्ट में हाल ही में एक अनोखा मामला देखने को मिला, जब एक व्यक्ति अदालत में आधा किलो लहसुन लेकर आया और जज के सामने उसे पेश किया। इस घटना ने कोर्ट में बैठे सभी लोगों का ध्यान खींच लिया। व्यक्ति का उद्देश्य इस लहसुन के माध्यम से कोर्ट का ध्यान एक महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर आकर्षित करना था—बाजार में बैन होने के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहे चाइनीज लहसुन की बिक्री।
इस याचिका में व्यक्ति ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने 2014 से ही चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद यह लहसुन बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है और इस पर कोई उचित कार्रवाई नहीं हो रही है। यह मामला जैसे ही जज राजन रॉय और जज ओपी शुक्ला के डबल बेंच के समक्ष आया, उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने यूपी सरकार के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को तलब किया और उनसे यह स्पष्टीकरण मांगा कि आखिर कैसे प्रतिबंधित होने के बावजूद चाइनीज लहसुन की बिक्री जारी है।
यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चाइनीज लहसुन में केमिकल्स की अधिकता होती है और इसे कृत्रिम तरीकों से उगाया जाता है। इस लहसुन में मेटाइल ब्रोमाइड जैसे जहरीले केमिकल पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं। इसका लगातार सेवन करने से शरीर पर कई गंभीर प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि किडनी से संबंधित समस्याएं और आंखों की रोशनी पर असर पड़ना। इसी वजह से भारत में चाइनीज लहसुन की खेती और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि कैसे असामान्य तरीकों से भी एक गंभीर मुद्दे को उजागर किया जा सकता है। कोर्ट ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."