इरफान अली लारी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति में हालिया घटनाक्रम ने आगामी विधानसभा उपचुनावों को बेहद रोचक बना दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं, जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी अपने सभी राजनीतिक दांव-पेंचों को आजमा रहे हैं।
हालांकि, समाजवादी पार्टी को कुछ गंभीर मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण वह बैकफुट पर दिखाई दे रही है। इनमें से दो प्रमुख घटनाएं हैं, जिन्होंने पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुँचाया है।
पहली घटना: अयोध्या-फैजाबाद सीट से पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के उम्मीदवार के रूप में अपहरण, मारपीट और धमकी का मामला दर्ज किया गया है। यह आरोप उनके खिलाफ पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर चर्चा का विषय बन गया है।
दूसरी घटना: कुशीनगर में समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं को पुलिस ने पांच लाख से अधिक नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। इस मामले में समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद रफीक अहमद सहित 10 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये घटनाएँ भाजपा के लिए सपा पर हमले का एक सुनहरा अवसर बन गई हैं।
यूपी के कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने सपा पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सभी अपराधों में सपा नेताओं के नाम ही क्यों आ रहे हैं? उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अयोध्या रेप कांड, कन्नौज रेप कांड और अब नकली नोटों के मामले में भी सपा के नेता शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोग देश के दुश्मन हैं और इन्हें जमानत भी नहीं मिलनी चाहिए।
सपा की ओर से भी इस पर प्रतिक्रिया दी गई है। सपा एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि जब किसी का नाम किसी मामले में आता है तो उसे कानून के अनुसार कार्रवाई का सामना करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कानून की प्रक्रिया में सभी को समानता मिलनी चाहिए, चाहे वह किसी भी पार्टी से हो।
इस बीच, कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने भी कहा कि समाजवादी पार्टी के कई नेता अपराधों में शामिल रहे हैं। कुशीनगर से लेकर कन्नौज, अयोध्या और सुल्तानपुर तक, जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, वे सभी सपा के बड़े नेताओं के शागिर्द रहे हैं।
सपा की मुसीबत इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं, जहां अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि, उनके पिता सांसद अवधेश प्रसाद ने उन्हें निर्दोष बताया है और भाजपा पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
इन घटनाओं ने सपा के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है, और देखना होगा कि आगामी उपचुनावों में इसका क्या असर पड़ता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."