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18 January 2025 1:15 pm

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सरकार में मंत्री पद न मिलने से दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने तक, आतिशी

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-अनिल अनूप

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की नियुक्ति की घोषणा आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने मंगलवार को की। मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य अरविंद केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है और वह दिल्ली के लोगों की सेवा और रक्षा करने की कोशिश करेंगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वह केजरीवाल के मार्गदर्शन में काम करेंगी।

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे पर आतिशी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें दुख है कि केजरीवाल इस्तीफा दे रहे हैं, और दिल्ली के लोगों के लिए वह हमेशा मुख्यमंत्री रहेंगे। गोपाल राय ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आम आदमी पार्टी (AAP) को तोड़ने और सरकार को गिराने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी ने उनकी सभी कोशिशों को विफल कर दिया।

आतिशी की मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति को विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, जहां खुद अरविंद केजरीवाल ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। इससे पहले, अरविंद केजरीवाल के जेल जाने की घोषणा के बाद आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे था।

43 वर्षीय आतिशी के नाम पर मुहर लगने के पीछे कई कारण थे। केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान आतिशी को कई महत्वपूर्ण मंत्रालय और विभाग सौंपे गए थे। उन्होंने मनीष सिसोदिया के साथ शिक्षा विभाग में भी अहम योगदान दिया था और उनकी अनुपस्थिति में शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी।

आतिशी की पृष्ठभूमि भी उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ी आतिशी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री प्राप्त की और चिवनिंग स्कॉलरशिप प्राप्त की। उन्होंने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में पढ़ाया और बाद में कई एनजीओ के साथ काम किया। 2013 में वह आम आदमी पार्टी से जुड़ीं और मनीष सिसोदिया के शिक्षा सलाहकार के रूप में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए काम किया।

आतिशी की राजनीतिक यात्रा में 2019 के लोकसभा चुनाव का भी उल्लेखनीय स्थान है, जब वह ‘मार्लेना’ उपनाम के साथ जानी जाती थीं। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना उपनाम हटा दिया और चुनाव में तीसरे स्थान पर रहीं। बावजूद इसके, उन्होंने अपने कार्यों और नेतृत्व के गुणों से पार्टी में एक मजबूत स्थान बनाया है।

अब आतिशी मुख्यमंत्री के रूप में दिल्ली के विधानसभा चुनावों तक इस पद पर बनी रहेंगी, और उनके सामने बड़ी चुनौतियां होंगी, खासकर बीजेपी की आलोचनाओं के बीच।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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