हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर नई योजनाओं का शिलान्यास किया और प्रदेशवासियों को कई उपहार दिए। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 200 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वालों को अब 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।
यह छूट उन उपभोक्ताओं को दी जाएगी जिनके पास एक किलोवाट तक विद्युत भार है। इस योजना से लगभग 11.5 लाख उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
धामी ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक कार्यक्रम में पिटकुल की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
इनमें 220 केवी जीआईएस सब स्टेशन सेलाकुई, 132 केवी जीआईएस सब स्टेशन आराघर, 132 केवी जीआईएस सब स्टेशन लोहाघाट, 132 केवी जीआईएस सब स्टेशन धौलाखेड़ा, और 132 केवी जीआईएस सब स्टेशन खटीमा द्वितीय जैसी प्रमुख परियोजनाएँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं के तहत लाइन निर्माण का काम भी शामिल है, जो राज्य की बिजली आपूर्ति और वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में मदद करेगा।
इसके अलावा, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) द्वारा संचालित गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत 16 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की स्थापना का भी कार्य शुरू किया गया। देहरादून की बिजली लाइनों को भूमिगत करने की परियोजना का भी शुभारंभ हुआ, जिसके लिए एडीबी से वित्तीय सहायता मिलेगी। इन परियोजनाओं पर कुल 977 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मुख्यमंत्री ने रुड़की में लक्ष्मी आवास योजना शिकारपुर के भवनों के 101 लाभार्थियों को कब्जा पत्र और चाबी भी सौंपी, जिससे लोगों को आवास की सुविधा मिली।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार तेजी से विकास कार्य कर रही है, और इन परियोजनाओं के माध्यम से न केवल बिजली आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी मुख्यमंत्री धामी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रदेश में एक नई कार्य संस्कृति स्थापित की है, जिससे राज्य के विकास की गति बढ़ी है।
बिजली को मुफ्त करने के कई फायदे हो सकते हैं, खासकर सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से।
कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं
मुफ्त बिजली से गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलती है। उनके मासिक खर्चों में कटौती होती है, जिससे वे अपनी अन्य जरूरतों पर ध्यान दे सकते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण।
ग्रामीण विकास
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली की पहुंच सीमित या महंगी हो सकती है, मुफ्त बिजली से कृषि, सिंचाई, और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलता है। किसान मुफ्त बिजली का उपयोग सिंचाई और खेती के लिए कर सकते हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ती है।
शहरी गरीबों को लाभ
शहरी क्षेत्रों में रहने वाले निम्न आय वर्ग के लोग, विशेषकर असंगठित क्षेत्रों के श्रमिक, जिनके पास सीमित संसाधन होते हैं, मुफ्त बिजली से अपनी जीवनशैली में सुधार कर सकते हैं। वे अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
छोटे उद्योगों और व्यापार को समर्थन
छोटे उद्योगों और घरेलू उद्योगों को मुफ्त बिजली देने से उनके उत्पादन खर्चों में कमी आती है, जिससे वे अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। इससे छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलता है और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार
बिजली मुफ्त होने से घरों में बिजली की निरंतर उपलब्धता होती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल बनता है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं में बिजली की निर्बाध आपूर्ति के कारण चिकित्सा सुविधाएं और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलती हैं।
वित्तीय सुरक्षा और बचत
जब लोगों को बिजली मुफ्त मिलती है, तो उनके मासिक खर्चों में बड़ी बचत होती है। यह अतिरिक्त पैसा वे अन्य महत्वपूर्ण खर्चों पर, जैसे चिकित्सा या शिक्षा पर, खर्च कर सकते हैं।
स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रोत्साहन
अगर मुफ्त बिजली को सौर ऊर्जा या अन्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से जोड़ा जाता है, तो यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा भी प्रदान करेगा।
समाज में समानता का बढ़ावा
मुफ्त बिजली की व्यवस्था से समाज के सभी वर्गों को एक समान लाभ मिलता है। इससे सामाजिक असमानता को कम किया जा सकता है और विकास में अधिक समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता है।
हालांकि, मुफ्त बिजली का प्रावधान दीर्घकालिक आर्थिक बोझ और ऊर्जा की बर्बादी जैसी चुनौतियाँ भी पैदा कर सकता है, इसलिए इसे जिम्मेदारी से लागू किया जाना चाहिए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."