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19 January 2025 8:41 am

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संस्कृत विद्यालय में चार शिक्षकों की गलत नियुक्ति का खुलासा, कार्रवाई की संभावना

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़ के श्री वैष्णव हरिहर दास संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शेरपुर कुटी में चार सहायक अध्यापकों – रामप्रसाद दुबे, कृष्णा यादव, सुरेखा यादव और बबिता निषाद की नियुक्ति गलत तरीके से की गई थी। 

यह खुलासा संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा की गई जांच में हुआ, जिनकी रिपोर्ट अब शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) को भेज दी गई है। इससे इन चार शिक्षकों पर जल्द ही कार्रवाई की संभावना बन रही है।

नियुक्तियों पर सवाल

वर्ष 2023-24 में, जब मनोज कुमार मिश्र जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) के पद पर थे, तब इन शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। नियुक्तियों को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे थे। 

नव जागृति सेवा संस्थान नामक एक संगठन ने इस मामले की शिकायत की, जिसके बाद शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) ने जांच के आदेश दिए। इसके बाद, संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने जांच शुरू की।

जांच की प्रक्रिया

29 जुलाई को मंडलीय समिति ने डीआईओएस को सभी संबंधित अभिलेखों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया था। डीआईओएस ने इसके जवाब में आख्या (रिपोर्ट) सौंपी, जिसमें उन्होंने बताया कि श्री वैष्णव हरिहर दास संस्कृत विद्यालय एक अनुदानित संस्कृत विद्यालय है। 

विद्यालय के प्रबंधक ने सहायक अध्यापकों की नियुक्ति अनियमित रूप से की थी, जिसके खिलाफ शिक्षकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को अनुमोदित मानते हुए अनुमन्यता का आदेश जारी किया।

डीआईओएस की रिपोर्ट और न्यायालय का आदेश

डीआईओएस की रिपोर्ट में कहा गया कि जून 2024 से इन शिक्षकों का वेतन भुगतान का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। 

नियुक्ति संबंधी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण, डीआईओएस ने स्पष्ट सिफारिश या विरोध व्यक्त करना संभव नहीं समझा। इस पर, 22 जुलाई के न्यायालय के आदेश में पूर्व के आदेश को खारिज कर दिया गया। 

न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि जिला विद्यालय निरीक्षक को संस्कृत शिक्षा परिषद की नियमावली के तहत नियुक्ति का अधिकार नहीं है। यह अधिकार केवल उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पास है।

तत्कालीन डीआईओएस की भूमिका

संयुक्त शिक्षा निदेशक की जांच में पाया गया कि तत्कालीन डीआईओएस मनोज कुमार मिश्र ने बिना उचित अधिकार और बिना मूल दस्तावेजों के चारों शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी। जबकि न्यायालय का कोई बाध्यकारी आदेश भी नहीं था। 

इस जांच रिपोर्ट के आधार पर, शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) को अब रिपोर्ट भेज दी गई है और जल्द ही इन शिक्षकों पर कार्रवाई होने की उम्मीद है।

कार्रवाई की संभावना

इस रिपोर्ट के बाद, यह संभावना जताई जा रही है कि इन शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। वहीं, तत्कालीन डीआईओएस मनोज कुमार मिश्र की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि उन्होंने नियमों और प्रक्रिया का पालन किए बिना शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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