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18 January 2025 1:11 pm

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सभी को रोज 1000 रुपये और मुझे 500…साहब!! घूस के पैसे में हिस्सा बढाया जाए…डीएम को लिखे पत्र ने हडकंप मचा रखा है

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक युवक द्वारा जिलाधिकारी (डीएम) को भेजे गए पत्र ने अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया है। युवक ने खुद को जौनपुर जिले की शाहगंज तहसील का निजी चपरासी बताते हुए डीएम को एक पत्र लिखा। पत्र में उसने लिखा, “प्रार्थी राजाराम यादव, नायब तहसीलदार लपरी शाहगंज शैलेंद्र कुमार सरोज का प्राइवेट चपरासी हूं। सारा घूस का पैसा हम ही अधिवक्ताओं और जनता से वसूलते हैं। मेरे नीचे अविनाश यादव और अजीत यादव काम करते हैं। हम लोग अक्सर झगड़ा और मारपीट कर घूस वसूलते हैं। सभी प्राइवेट चपरासियों को 1000 रुपये प्रतिदिन मिलता है, लेकिन मुझे नायब तहसीलदार सिर्फ 500 रुपये देते हैं। मेरा वेतन बढ़ाया जाए।”

मामले पर प्रशासन की तुरंत प्रतिक्रिया

तीन सितंबर को यह पत्र डीएम को मिला, जिसके बाद डीएम तुरंत सक्रिय हो गए। उन्होंने शाहगंज के एसडीएम को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

एसडीएम शाहगंज ने पांच सितंबर को जांच का आदेश जारी किया और नायब तहसीलदार को मामले की जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

नायब तहसीलदार और तहसीलदार ने कुछ ही घंटों में जांच पूरी कर ली और अपनी रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी। इसके बाद एसडीएम ने पांच सितंबर को ही डीएम को अपनी रिपोर्ट भेजी।

एसडीएम की रिपोर्ट

एसडीएम शाहगंज ने डीएम को अपनी रिपोर्ट में लिखा, “महोदय, कृपया राजाराम नामक व्यक्ति द्वारा भेजे गए प्रार्थना पत्र का संदर्भ लें।

राजाराम यादव ने खुद को प्राइवेट चपरासी के रूप में शाहगंज तहसील में कार्यरत बताया है। नायब तहसीलदार लपरी और तहसीलदार शाहगंज द्वारा की गई संयुक्त जांच के अनुसार, तहसील शाहगंज में राजाराम यादव या किसी अन्य नाम का कोई भी प्राइवेट कर्मचारी कार्यरत नहीं है। पत्र में शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर, पिता का नाम और पता नहीं दिया गया है। प्रथम दृष्टया यह शिकायत झूठी और भ्रामक प्रतीत होती है। मामले की रिपोर्ट महोदय को प्रेषित की जा रही है।”

सोशल मीडिया पर वायरल मामला

यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ यूजर्स ने लिखा, “सब मिले हुए हैं,” तो कुछ ने कहा, “अगर हर मामले की ऐसे ही जांच हो जाए, तो सारे विवाद खत्म हो जाएंगे।”

हालांकि, एसडीएम शाहगंज का मानना है कि किसी ने जानबूझकर डीएम को झूठा पत्र भेजा है और इसकी रिपोर्ट पहले ही डीएम को भेजी जा चुकी है। आगे जो भी आदेश मिलेगा, उसका पालन किया जाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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