चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
करीब एक हफ्ते पहले की घटना है। शाम के लगभग 6 बजे का समय रहा होगा। ऑफिस से लौटने के बाद ऋतेश (बदला हुआ नाम) अपने घर के कामों में व्यस्त थे। अचानक उनके मोबाइल की घंटी बजी, कॉल एक अनजान नंबर से आई थी। ऋतेश ने फोन उठाया, दूसरी तरफ से एक महिला की आवाज आई जिसने अपना नाम शालू शर्मा बताया। उसने कहा कि उसे कुछ जरूरी काम के लिए ऋतेश से मिलना है। ऋतेश को लगा कि यह मजाक हो सकता है, इसलिए उन्होंने कॉल काट दी।
लेकिन इस घटना के बाद भी, उस महिला की आवाज ऋतेश के कानों में गूंजती रही। कुछ देर बाद उन्होंने उसी नंबर पर फिर से कॉल किया और उस महिला से पूछा कि उसने उनका नंबर कहां से पाया। शालू ने बताया कि उसकी सहेली रुहीना उर्फ सिमरन से यह नंबर मिला है। अब ऋतेश को उसकी बातों पर यकीन हो गया और धीरे-धीरे उनकी बातें होने लगीं। रोज़ की बातचीत अब दोस्ती में बदल गई थी, और दोनों ने मिलने का फैसला कर लिया। मुलाकात के लिए 3 सितंबर को मेरठ के एक होटल में मिलने की योजना बनी।
मुलाकात और हनी ट्रैप का जाल
तय दिन पर ऋतेश होटल पहुंच गए। थोड़ी देर बाद शालू भी वहां आई, और दोनों ने एक कमरे में जाकर बातचीत शुरू की। बातों के बाद दोनों ने शारीरिक संबंध भी बनाए। शाम होते ही दोनों होटल से बाहर जाने लगे। जैसे ही ऋतेश होटल के गेट के पास पहुंचे, शालू घबराई हुई उनके पास आई और कहा कि बाहर उनके भैया-भाभी खड़े हैं, और उन्हें हमारे बारे में सब पता चल गया है। होटल के बाहर एक स्विफ्ट कार और बुलेट मोटरसाइकिल खड़ी थी।
अचानक स्विफ्ट से तीन लोग बाहर आए और ऋतेश को जबरन गाड़ी में बैठा लिया। गाड़ी में बैठते ही उन लोगों ने ऋतेश को पीटना शुरू कर दिया और धमकी दी कि अब वो रेप केस में फंस जाएगा। इसके बाद उन्होंने ऋतेश से 10 लाख रुपये की मांग की। जब ऋतेश ने बताया कि उसके पास इतनी बड़ी रकम नहीं है, तो उन्होंने उसका मोबाइल लिया और उसकी पत्नी को फोन मिलाने लगे, लेकिन मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई। इसके बाद उन्होंने ऋतेश का सिम अपने फोन में डाला और उसकी पत्नी को फोन कर 10 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद उन्होंने ऋतेश के भाई को भी फोन किया और वही धमकी दी कि अगर रुपये नहीं दिए तो उसे रेप केस में फंसा देंगे।
पुलिस कार्रवाई
काफी देर तक मारपीट के बाद, उन लोगों ने ऋतेश को मेरठ की एक सुनसान सड़क पर छोड़ दिया और रुपये का इंतजाम करने के लिए कहा। ऋतेश को अब यह साफ हो चुका था कि वो एक हनी ट्रैप का शिकार हो गया है। ऋतेश सीधा पुलिस थाने गया और अपनी शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और पूरे गैंग को गिरफ्तार कर लिया। इस गैंग में शालू उर्फ सुमैया, रुहीना उर्फ सिमरन, दीपक, अनिकेत, फहीम, आसिफ और फिरोज शामिल थे।
गैंग का काम करने का तरीका
इस गैंग के सदस्य गाजियाबाद, मेरठ और दिल्ली के रहने वाले थे। पुलिस की जांच के मुताबिक, गैंग की महिलाएं पहले लोगों को फोन कर मीठी-मीठी बातों में फंसाती थीं। फिर उन्हें किसी होटल में बुलाया जाता था। होटल के बाहर गैंग के अन्य सदस्य इंतजार करते थे। जैसे ही शिकार होटल से बाहर निकलता, उसे पकड़ लिया जाता और रेप केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे ऐंठे जाते। गैंग के एक सदस्य दीपक ने बाउंसर के तौर पर भी काम किया था, जो इस तरह की गतिविधियों में उनकी मदद करता था।
इस पूरी घटना ने दिखाया कि कैसे हनी ट्रैप जैसे जाल में लोग फंस सकते हैं, और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."