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November 1, 2024 8:54 pm

बहादुर बेटी ने खत्म की रसूखदार नेता की बादशाहत : डीएनए रिपोर्ट ने किया दुष्कर्म की पुष्टि

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

कन्नौज की एक महत्वपूर्ण घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया, जहां एक बहादुर बेटी ने अपनी हिम्मत से एक ताकतवर और रसूखदार नेता के खिलाफ आवाज उठाई। यह कहानी है एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख, नवाब सिंह यादव की, जिसकी बादशाहत को इस बहादुर बेटी ने खत्म कर दिया। 

इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 11 अगस्त की रात से होती है, जब पीड़िता की बुआ उसे लेकर चौधरी चंदन सिंह डिग्री कॉलेज पहुंचती है। वहाँ पर उसने अपनी भतीजी को पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव को सौंप दिया। बुआ के षड़यंत्र में फंसी इस मासूम लड़की को अंदाज़ा नहीं था कि उसके साथ इतनी बड़ी दरिंदगी होने वाली है। 

नवाब सिंह ने उसके साथ दुष्कर्म किया। लेकिन, पीड़िता ने हिम्मत नहीं हारी और बुआ से मोबाइल लेकर मां से बात करने के बहाने बाहर निकल गई। बाहर जाकर उसने 112 नंबर डायल करके पुलिस को सूचना दी। पुलिस तुरंत वहां पहुंची और डिग्री कॉलेज के एक कमरे में नवाब सिंह को अस्त-व्यस्त हालत में पाया। 

अगले दिन, 12 अगस्त को पुलिस पीड़िता को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां बुआ ने पीड़िता को मेडिकल परीक्षण कराने से मना किया। लेकिन, पीड़िता ने उसकी बात को अनसुना कर दिया और पुलिस से तुरंत मेडिकल जांच की मांग की। 

इसके बाद, 13 अगस्त को पीड़िता का आंतरिक मेडिकल परीक्षण किया गया और कोर्ट में उसके बयान दर्ज किए गए। इन बयानों के आधार पर नवाब सिंह यादव पर दुष्कर्म के आरोप और मजबूत हो गए। 

विज्ञानिक साक्ष्यों को जुटाने के लिए पुलिस ने पीड़िता और नवाब सिंह दोनों का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया। पीड़िता ने बिना किसी डर के अपना डीएनए सैंपल दिया, जबकि नवाब सिंह का सैंपल जिला कारागार से लिया गया। 

अब, 2 सितंबर को आई डीएनए रिपोर्ट में पुष्टि हो गई कि नवाब सिंह यादव ने ही पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। इस रिपोर्ट ने नवाब सिंह के जमानत की उम्मीदों को खत्म कर दिया है। 

इस घटना ने पूरे कन्नौज में हलचल मचा दी है। शहर के लोग इस बहादुर बेटी की तारीफ कर रहे हैं, जिसने अपनी बहादुरी से एक ताकतवर नेता की बादशाहत को खत्म कर दिया। इस घटना के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग ने पीड़िता को तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया है और उसे पर्याप्त सुरक्षा देने के निर्देश दिए गए हैं। 

फोरेंसिक टीम द्वारा इकट्ठे किए गए वैज्ञानिक साक्ष्यों, जैसे कि डीएनए रिपोर्ट, कॉल रिकॉर्डिंग, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही पुलिस चार्जशीट तैयार करेगी और कोर्ट में दाखिल करेगी। 

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच और न्याय की जीत होती है, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। इस बहादुर बेटी की कहानी आज पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."