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November 21, 2024 11:28 pm

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दुर्दांत गैंगस्टर को 9 साल बाद सजा : जिंदा जलाने के मामले में कानून की गिरफ्त में आने वाले इस हिस्ट्रीशीटर को जानिए

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संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

बांदा। जिले में एक जघन्य अपराध के मामले में दोषी पाए गए दुर्दांत गैंगस्टर और हिस्ट्रीशीटर शिवविजय सिंह को 9 साल बाद अदालत ने सजा सुनाई है। यह मामला 2014 का है, जब शिवविजय और उसके गिरोह ने मिलकर एक व्यक्ति को जिंदा जलाकर मार डाला था। इस अपराध के तहत शिवविजय सिंह को उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, 1986 (गैंगस्टर एक्ट) के तहत दोषी ठहराया गया और उसे तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही, उसे 7,000 रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना अदा न करने पर उसे दो महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

यह सजा बांदा के विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट, गुणेंद प्रकाश द्वारा सुनाई गई। इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने समय पर साक्ष्य प्रस्तुत करने में सफलता हासिल की, जिसके परिणामस्वरूप यह सजा सुनाई गई। 

शिवविजय सिंह और उसके गिरोह के खिलाफ थाना मट्टौध में वर्ष 2014 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। गिरोह में शिवविजय के अलावा जगरूप सिंह और वीरा यादव भी शामिल थे, जिनकी पहले ही सजा हो चुकी है। 

शिवविजय सिंह इस गिरोह का लीडर था और उसके खिलाफ हत्या, डकैती, लूटपाट जैसे कई संगीन अपराध दर्ज थे। उसकी हिस्ट्रीशीट में लगभग 25 मुकदमे दर्ज हैं। 

शिवविजय के दो सगे भाइयों को भी पिछले साल गैंगस्टर एक्ट के तहत सजा सुनाई गई थी।

विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट, सौरभ सिंह ने बताया कि 2014 में शिवविजय सिंह और उसके गिरोह ने मिलकर बांदा शहर के मुन्ना यादव को अगवा कर त्रिवेणी के जंगल में जिंदा जलाकर हत्या कर दी थी। 

इस मामले में शिवविजय सिंह के खिलाफ हत्या और अवैध हथियार रखने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। 

इस जघन्य अपराध के चलते पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी, और कोई भी उनके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

अंततः, अभियोजन पक्ष की मेहनत और समर्पण के चलते शिवविजय सिंह को दोषी ठहराया गया और उसे तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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