सुनील बोडो की रिपोर्ट
असम के ढिंग में 22 अगस्त, 2024 को एक कक्षा 8 में पढ़ने वाली नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी, जिसने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया है।
असम के नगांव ज़िले के धींग इलाक़े में हाल ही में घटित एक दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय को गहरा आघात पहुँचाया है। इस छोटे से शहर की भारतीय धावक हिमा दास, जिन्होंने 2018 में आईएएएफ़ विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था, की उपलब्धियों की छवि के विपरीत आज ये इलाका एक गंभीर आपराधिक मामले के कारण सुर्खियों में है।
22 अगस्त 2024 की शाम को, एक नाबालिग़ लड़की ट्यूशन से घर लौटते समय तीन युवकों द्वारा कथित सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई। ये युवक लड़की को एक सुनसान रास्ते पर खींच ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना के बाद, लड़की को बेहोशी की हालत में छोड़ दिया गया, जिसे स्थानीय लोगों ने तुरंत अस्पताल पहुँचाया। पीड़िता को नगांव मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसकी हालत पर निगरानी रखी जा रही है।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय को आंदोलित कर दिया है। धींग की महिलाएं और विभिन्न जातीय एवं छात्र संगठनों के सदस्य सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने हाथों में प्लेकार्ड ले रखे हैं जिन पर नारे लिखे हैं जैसे “हमें न्याय चाहिए”, “महिलाओं को सुरक्षा दो”, और “रेप रोकें, रेपिस्ट को सज़ा दो”। शहर की दुकानें भी बंद कर दी गई हैं और प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इस बीच, पुलिस ने तीन अभियुक्तों में से एक को गिरफ्तार किया था, जिसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि अभियुक्त को वारदात की जगह पर ले जाया गया था, जहाँ उसने भागने की कोशिश की और पास के तालाब में गिरकर मौत के घाट उतरा।
इस घटना ने मामले को और भी जटिल बना दिया है और अब पुलिस हिरासत में अभियुक्त की मौत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोग पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और यह देखना होगा कि इस स्थिति को लेकर सरकार और स्थानीय प्रशासन क्या कदम उठाते हैं।
इस घटना में मुस्लिम समुदाय के तीन लोगों पर आरोप लगा है। इसके बाद असम के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जिनमें प्रमुखता से ‘ताई अहोम युवा परिषद’ और अन्य संगठनों ने भाग लिया है।
‘ताई अहोम युवा परिषद’ ने असम सरकार को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है कि वे बांग्लादेशी घुसपैठियों, जिन्हें मियाँ मुस्लिम कहा जाता है, को प्रदेश से बाहर खदेड़ दें।
संगठन का दावा है कि मियाँ मुस्लिम असम के लिए नासूर बन गए हैं और वे बलात्कार, डकैती, और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में लिप्त हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार तय समय सीमा में कोई कदम नहीं उठाती है, तो वे खुद बल प्रयोग कर इन घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे।
इस आंदोलन को असम के कई अन्य संगठनों का भी समर्थन मिला है, जैसे असोमिया युवा मंच, असोमिया महिला मंच, बीर लचित सेना, ऑल असम आदिवासी छात्र संघ, और कृषक मुक्ति संग्राम समिति। सभी ने मिलकर मियाँ मुस्लिमों को ऊपरी असम से निकालने की मांग की है।
वहीं, कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने इन संगठनों को चुनौती देते हुए कहा है कि वे मियाँ मुस्लिमों को ऊपरी असम से नहीं निकाल पाएंगे।
उन्होंने ढिंग की घटना की निंदा की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि कुछ लोगों की गलती के लिए पूरे समुदाय को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अब्दुर रशीद ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणियों को इस तनावपूर्ण स्थिति का कारण बताया।
इस घटना और इसके बाद के घटनाक्रम ने असम के समाज में गहरा विभाजन पैदा कर दिया है, जिससे भविष्य में और भी अधिक तनाव बढ़ने की संभावना है।
Author: samachar
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